दुनिया में 600 करोड़ लोग हैं और हम सबकी ज़िन्दगी में 200-500 लोग तो होते ही हैं|
लेकिन कभी-कभी हालात कुछ ऐसे बन जाते हैं कि हम सभी भीड़ में भी खुद को अकेला खड़ा पाते हैं|
और ऐसे लोगों को, जो अक्सर खुद को भीड़ के बीच में भी अकेला पाते हैं, उन्हें एकाकी कहा जाता है! यानि कि उन्हें किसी और से ज़्यादा खुद के साथ रहना पसंद होता है!
अगर आप को भी ये एहसास होता है लेकिन आप ये फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि आप एकाकी हैं या नहीं तो आईये हम आप कि मदद करते हैं खुद को पहचानने में!
अगर नीचे दिए हुए 10 तथ्य आप के रोज़मर्रा के अनुभव बन गए हैं तो समझ लीजिये कि आप यक़ीनन एकाकी हैं! यानि कि आप अक्सर अपनेआप को भीड़ में भी अकेला पाते हैं!
1). दोगले किस्म के लोगों से आज दुनिया भरी पड़ी है! अगर इन दोमुहें प्राणियों की कंपनी आप को काटने को दौड़ती है और आप खुद को ऐसे लोगों की भीड़ में खुद को अकेला पाते हैं तो यक़ीनन आप में एकाकी होने के लक्षण हैं!