6 – हमें भी मंदिर—मस्जिद जाने की आजादी होती
वेश्याओं को मंदिर—मस्जिद जाने की इजाजत नहीं दी जाती है. वह भी भगवान पर विश्वास रखती हैं. वह सोचती हैं कि काश हम भी भगवान के दर्शन करके अपने लिए कुछ मांग लेते, क्योंकि भगवान की नजरों में हम वेश्या नहीं, बल्कि इंसान हैं, जो यह समाज नहीं समझता है.