5 – हम इस समाज में सिर उठाकर जी पाती समाज में सिर उठाकर हर कोई रहना चाहता है. उनके भी यही अरमान होते हैं कि वह भी समाज में अपनी अलग पहचान बनाएं. खुलकर सांस लें, जो चाहे वो करें और किसी की गुलाम बनकर उनके ईशारों पर न नाचें. 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · बातें जो वेश्याएं सोचती · बातें जो वेश्याएं सोचती हैं Article Categories: विशेष