भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करके उनकी कृपा पानी है तो फिर उन्हें प्रसन्न करना बहुत मुश्किल भी नहीं है क्योंकि उनकी प्रिय चीजों को अर्पित करके उन्हें शीघ्र ही प्रसन्न किया जा सकता है.
लेकिन उनकी वो प्रिय चीजें आखिर कौन सी है उनके बारे में हर कोई नहीं जानता है.
आइए हम आपको बताते हैं श्रीकृष्ण की प्रिय चीजें, जिन्हें पाकर वे बेहद प्रसन्न होते हैं.
श्रीकृष्ण की प्रिय चीजें –
1 – बांसुरी
भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी बेहद पसंद है इसलिए उन्हें बंसी बजैया भी कहा जाता है. चाहे खुशी हो या गम दोनों हालात में श्रीकृष्ण बांसुरी बजाया करते थे.
उन्हें बांसुरी से इतना गहा लगाव था कि वो इसे हमेशा अपने साथ रखते थे. बांसुरी से लगाव होने के पीछे भी उसके खास गुण बताए जाते हैं
– जिस तरह से बांसुरी में कोई गांठ नहीं होती है ठीक उसी तरह से मनुष्य को भी किसी बात की गांठ नहीं बांधनी चाहिए.
– दूसरा ये कि बांसुरी बिना बजाए नहीं बजती है इसलिए जब तक ना कहा जाए तब तक नहीं बोलना चाहिए.
– बांसुरी जब भी बजती है मधुर बजती है, जिसका मतलब यह है कि जब भी बोलो मीठा बोलो.
2 – गाय
भगवान श्रीकृष्ण को गायें बहुत पसंद हैं क्योंकि गाय को माता का दर्जा दिया गया है. गौ सभी कामों में उदार और सभी गुणों की खान मानी जाती है.
कहा जाता है कि गौ माता से मिलनेवाला गौ का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी पान कर लेने से शरीर के भीतर पाप नहीं ठहरता है.
जो गौ की एक बार प्रदक्षिणा करके उसे प्रणाम करता है वह सब पापों से मुक्त होकर अक्षय स्वर्ग का सुख भोगता है.
3 – मोरपंख
मोर के पंख श्रीकृष्ण को इतने पसंद थे कि वे उसे अपने मुकुट में स्थान देते थे. मोर के पंख के बारे में कहा जाता है कि वो इकलौता ऐसा प्राणी है जो आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करता है. मोरनी मोर के आंखों के आंसू को पीकर उसके संतान को जन्म देती है.
यही वजह है कि मोर जैसे सुंदर और पवित्र प्राणी के पंख श्रीकृष्ण को बेहद पसंद है, इसलिए वो हमेशा मोरपंख को अपने सिर के मुकुट में धारण करते हैं.
4 – कमल से बनी वैजयंती माला
कमल भले ही कीचड़ में खिलता है लेकिन उसमें कभी भी कोई अवगुण नहीं आता है. इसलिए श्रीकृष्ण सदैव अपने गले में कमल से बनी वैजयंती माला को धारण करते हैं.
यह वैजयंती माला जितनी चमकदार होती है इसके बीज उतने ही सख्त होते हैं इसलिए ये टूटते नहीं हैं जिससे यह सीख मिलती है कि किसी भी अवस्था में टूटे नहीं और हमेशा चमकदार बने रहें.
5 – माखन-मिश्री
कान्हा की नटखट लीलाओं के बारे में तो सभी जानते हैं कि किस तरह से उन्हें माखन-मिश्री प्रिय है और उसे खाने के लिए वो घर-घर से माखन चुराते थे इसलिए उन्हें माखन चोर भी कहा जाता है.
मिश्री का सबसे बड़ा गुण यह है कि जब भी इसे माखन में मिलाया जाता है तो उसकी मिठास माखन में पूरी तरह से घुल जाती है.
यह हमे सीख देती है कि हमें अपने भी अपने व्यवहार और वाणी रुपी माखन में मिश्री जैसी मिठास घोलनी चाहिए.
ये थी श्रीकृष्ण की प्रिय चीजें – भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी, गाय, मोरपंख, कमल से बनी वैजयंती माला और माखन मिश्री से अत्यंत प्रसन्न होते हैं, जो भी श्रीकृष्ण के समक्ष श्रीकृष्ण की प्रिय चीजें भेंट करता है उन्हें श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है.
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