अंपायर की मदद – क्रिकेट के मैदान में जब गेंद बल्लेबाज को चकमा देते हुए पैड पर जा लगे या बल्ले को चूमती हुई विकेटकीपर के दस्ताने पर जा समाय, ऐसे मौकों पर सभी की नजर एक ही शख्स पर जा टिकती है, अंपायर।
क्रिकेट के खेल में अंपायर की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। वो सिर्फ शॉट्स या आउट बताने के लिए नहीं होते। बल्कि अंपायर, खिलाड़ियों के बर्ताव पर नजर रखते हैं और एक तरह से पूरे खेल को रेग्युलेट करते हैं।
मैच के दौरान फील्ड पर दो अंपायर मौजूद होते हैं। जिनमें से एक बॉलर एंड पर तो दूसरा बैट्समैन की तरफ (आमतौर से स्क्वेयर लेग पर) खड़ा होता है। इनके अलावा थर्ड अम्पायर वीडियो रिप्ले करके मैच की दिशा पलट देता है और फोर्थ अंपायर गेंदों का ध्यान रखने के अलावा ऑन-फील्ड अंपायर के लिए ड्रिंक्स वगैरह भी लेकर आता है।
मैच देखने के दौरान आपने कई दफा अंपायर को वॉकी-टॉकी पर बात करते देखा होगा। अंपायरों के लिए वॉकी-टॉकी के अलावा भी कुछ उपकरण होते हैं, जो उनका काम आसान करते हैं।
इन उपकरणों पर आपकी नजर कम ही पड़ी होगी।
चलिए आज करते हैं, ऐसे ही कुछ उपकरणों की बात जो अंपायर की मदद करते है –
अंपायर की मदद –
सबसे पहले हम वॉकी-टॉकी की ही बात कर लेते हैं। वॉकी-टॉकी की मदद से मैदान पर मौजूद अंपायर थर्ड अंपायर से चर्चा करते हैं। अब तो कुछ अंपायर हैंडफोन्स का यूज़ भी करने लगे हैं।
क्रिकेट के खेल में बैट-बॉल, स्टंप से लेकर क्रीज़ तक सभी एक स्टैंडर्ड साइज के होते हैं। लगातार इस्तेमाल के कारण गेंदे घिस जाती हैं या इनका आकार बिगड़ जाता है। खासतौर से टेस्ट मैच के दौरान तो निश्चित ओवर्स के बाद गेंद बदल दी जाती है। यदि गेंद का शेप बिगड़ जाए तो वो खेल भी बिगाड़ सकती है। ऐसे में बॉल गैज एम्पायर के काम आता है।
यदि गेंद इस्तेमाल करने लायक हो तो वो इस रिंग के अंदर से निकल पाती है, अन्यथा नहीं। इसमें दो रिंग्स अलग-अलग आकार की गेंदों के लिए होती है।
अंपायरों के लिए गेंदों के साथ ही ओवर व विकेट की गिनती करना भी जरूरी होता है। ऐसे में वे ‘काउंटर’ डिवाइस का यूज़ करते हैं। यह डिवाइस हथेली के आकार का होता है और इसमें गेंद, ओवर व विकेट की अलग-अलग गिनती होती है। आजकल मार्केट में कई एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल काउंटर उपलब्ध हैं।
रोचक बात यह है कि काउंटर के इन्वेंशन से पहले अंपायर पत्थर, सिक्के या मार्बल्स को एक हाथ से दूसरे हाथ में लेकर गेंदों की गिनती करते थे।
आईपीएल 2016 के दौरान ऑस्ट्रेलियन अंपायर ब्रूस ओक्सेनफोर्ड हाथ में एक बड़ा-सा डिवाइस पहनकर पहुंचे थे। इस दौरान दर्शकों के मन में यही सवाल था कि ये डिवाइस आखिर क्या है?
दरसअल यह एक प्रोटेक्टिव शील्ड थी। यह शील्ड तेज गेंद से अंपायर का बचाव करती है। मैच के दौरान अंपायर के चोटिल होने का खतरा भी रहता है।
लाइट-ओ-मीटर की मदद से फील्ड में लाइट की मात्रा जांची जाती है। टेस्ट मैचों के दौरान यह बहुत काम आता है। अंपायर मुख्य रूप से फील्ड के मध्य में और आउटफील्ड में जाकर लाइट चेक करते हैं। पर्याप्त लाइट न होने पर, भले ही एक विकेट बचा हो मैच रोक दिया जाता है।
ये उपकरण अंपायर की मदद करते है – ये थे फील्ड में अंपायर के काम आने वाले कुछ खास उपकरण। हमें पूरी उम्मीद है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी।
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