5) परिवार को लेकर शर्मिंदगी
युवाओं को लगता है कि उनके माँ-बाप में कुछ कमी है, वो परफेक्ट नहीं हैं और यही शर्मिंदगी उन्हें खुद पर यकीन करने से रोकती है| समाज में वो हमेशा अपने आप को हीन समझने लगते हैं कि शायद उनका परिवार समाज में बराबरी के हिस्से पर नहीं है|
सुझाव: परिवार आख़िर इंसानों से बनता है और हर इंसान में अच्छाई-बुराई होती है| इसीलिए, अपने माँ-बाप, परिवार पर गर्व करो और सर उठा के चलो! कोई किसी से कम या ज़्यादा नहीं होता!