चांदी से महंगी – आप रोज़ाना बहुत सी चीज़ों का इस्तेमाल करते होंगे, कुछ चीज़ें ज़्यादा मात्रा में तो कुछ कम यूज़ होती होंगी.
कुछ चीज़ों की कीमतों पर आपने कभी गौर भी नहीं किया होगा, या फिर आपको कीमत चुकाने की आदत हो गई है इसलिए ध्यान नहीं दिया होगा कि ये मामूली चीज़ें कितने महंगी है.
चलिए हम आपको आज कुछ ऐसी डेली यूज़ वाली चीज़ों के बारे में बताते हैं जो चांदी से महंगी है.
चांदी से महंगी –
१ – वियाग्रा
कहा जाता है कि पैसे से प्यार नहीं खरीदा जा सकता, लेकिन जो लोग वियाग्रा की एक छोटी-सी नीली गोली पर पैसे खर्च करते हैं, वो उससे थोड़ी-सी खुशी पाने की कोशिश तो जरूर करते हैं. दवाइयां बनाने वाली कंपनी फाइजर के वैज्ञानिकों ने हाइपरटेंशन के इलाज के लिए साल 1989 में वियाग्रा को विकसित किया था, लेकिन टेस्ट के समय इसके कुछ असामान्य दुष्परिणाम देखे गए. इस दवा को पुरुषों के लिए इस्तेमाल किया गया था जिसका उन पर सीधा असर देखा गया. नौ साल बाद इसे आधिकारिक मान्यता मिल गई. साल 2012 आते-आते कंपनी के लिए वियाग्रा आय का एक अच्छा विकल्प बन गया. वियाग्रा की 100 मिलीग्राम की एक गोली की कीमत 57.94 रुपये से 80.82 रुपये तक है.
२ – खुजली की क्रीम
जर्नल ऑफ डर्माटॉलॉजी में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, ऑस्टिन के टेक्सास विश्वविद्यालय के त्वचा विशेषज्ञों ने त्वचा संबंधी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कीमतें तेजी से बढ़ने की बात कही है. उन्होंने दवाओं की कीमतों की तुलना आईफोन और गोल्ड जैसी महंगी चीजों से करके देखी. इसके बाद उन्हें कुछ हैरान करने वाले परिणाम मिले. जोविरॉक्स नाम की एक क्रीम का उन्होंने जिक्र किया है. इसकी दो ग्राम की एक ट्यूब के लिए ब्रिटेन में मरीज को 6.75 डॉलर देने पड़ते हैं. ये क्रीम दाद, खाज-खुजली के इलाज में इस्तेमाल होती है. ये लोगों में आमतौर पर होने वाली समस्याएं हैं जिनके इलाज के लिए लोग खुद ही दवाएं खरीदते हैं. एक किलो इस क्रीम की कीमत भारतीय करेंसी के हिसाब से करीब एक करोड़ 10 लाख रुपये से भी ज़्यादा होगी.
३ – केसर
केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है. एक किलो केसर के लिए लगभग डेढ़ लाख फूलों की जरूरत पड़ती है. हालांकि इसके फूल की कीमत कम होती है, लेकिन कटाई के बाद और सुखाए जाने पर इसकी कीमत काफी बढ़ जाती है. एक ग्राम केसर के लिए आपको पांच से 25 डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारतीय करेंसी में देखा जाए तो एक किलो केसर की कीमत एक लाख 36 हजार रुपये से लेकर करीब सवा 10 लाख के बीच होगी. केसर के महंगे होने के कारण बाजार में नकली केसर आसानी से मिल जाता है जिसमें नकली रंगों का इस्तेमाल किया जाता है.
४ – कॉफी
बाजार में कई तरह की कॉफी उपलब्ध है. सभी की क्वालिटी में थोड़ा बहुत अंतर होता है. कॉफी की कई वैरायटी है जिनमें से कुछ की कीमत चांदी से भी ज्यादा है. ‘कोपी लुवाक’ नाम की एक ऐसी ही मशहूर कॉफी की वैरायटी है जिसे इंडोनेशिया में तैयार किया जाता है. इसका उत्पादन एशिया में पाई जाने वाली सिवेट बिल्लियों के मल से किया जाता है. इन बिल्लियों को कॉफी के फल खिलाये जाते हैं और फिर उनके मल से कॉफी के दानों को चुनकर निकाला जाता है। उत्पादकों का मानना है कि ऐसा करने से कॉफी में एक नेचुरल मीठापन आता है. अगर ये प्रक्रिया पालतू बिल्लियों की जगह जंगली सिवेट बिल्लियों से साथ की जाती है तो कॉफी की कीमत 660 डॉलर प्रति किलो से भी ज्यादा होती है. वैसे बड़े बाजारों में इससे भी महंगी कॉफी मौजूद हैं.
५ – फेशियल क्रीम
दुनिया भर में बाजार में सुंदरता का बहुत बड़ा व्यापार फैला हुआ है. कॉस्मेटिक बाजार में हर साल 532 बिलियन डॉलर यानी 36 हजार 176 अरब रुपये का फायदा होता है. क्रीम द ल मेर बहुत ही प्रचलित और महंगी क्रीम मानी जाती है. इसकी 30 मिलीलीटर की बोतल की कीमत 162 डॉलर (11 हजार रुपये) है और 500 मिलीलीटर के लिए 2,057 डॉलर (करीब डेढ़ लाख रुपये) देने पड़ेंगे. मूल रूप से इसे सी-वीड के रस से बनाया जाता है.
६ – प्रिंटर की इंक
प्रिंटर इस्तेमाल करने वाले लोगों का आपने अक्सर कहते सुना होगा कि इसका हार्डवेयर या कोई छोटा-मोटा पुर्जा तो आसानी से मिल जाता है, लेकिन प्रिंटर की कलरफुल इंक आसानी से नहीं मिलती. एक किलो इंक के लिए ग्राहकों को 1,733 डॉलर खर्च करने होते हैं यानी करीब सवा लाख रुपये से कुछ कम, अगर आप तुलना करेंगे तो पायेंगे कि चांदी की प्रिंटिंग करवाना इससे सस्ता होगा.
ये है वो चीज़ें जो चांदी से महंगी है – इसे पढ़ने के बाद आप इन चीज़ों के इस्तेमाल से पहले सौ बार सोचेंगे और बहुत सोच-समझकर इनका यूज करेंगे.