लड़के और लडकियाँ – लड़के ये कर सकते है, लड़कियां ये कर सकती हैं ये ऐसा मुद्दा है जिस पर बहस कभी खत्म ही नहीं होती।
लड़के अपना पलड़ा उंचा रखने की कोशिश करते हैं और लड़कियां अपनी बात को मनवाने के प्रयासों में लगी रहती हैं।
वैसे ये बहस तो सालों से चलती आ रही है और शायद अनंत काल तक जाएगी कि लड़के और लडकियाँ में बेहतर कौन है और दोनों क्या काम कर सकते हैं और क्या नहीं ?
लड़के और लडकियाँ
खैर इस विषय के संजीदा पहलू पर जाने का आज हमारा कोई इरादा नहीं है। हम तो यहां बस आपको कुछ ऐसे मज़ेदार कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे लड़के और लड़कियां दोनों नहीं कर सकती इनमें से कुछ काम लड़के कर सकते हैं और तो कुछ काम करना सिर्फ लड़कियों के बस की बात है। चलिए आपको बताते हैं कौन से हैं वो काम
सब्जी खरीदते वक्त मोलभाव करना- ”क्या भैय्या, 20 का 1 किलो नहीं, 10 का 1 किलो लगाओ….पीछे सब्जी वाला भी इतने का ही दे रहा है;”…ये सब बोलकर दुकानदार से पैसे कम करवाने का जो टैलेंट होता है ना वो सिर्फ महिलाओं में ही होता है। पहले सब्जी खरीदते वक्त पैसे कम करवाओ और फिर धनिया-मिर्च फ्री में डलवाना तो मानो महिलाओं का जन्मसिध्द अधिकार है। अगर ये काम पुरूष करने जाएं तो धनिया मिर्च क्या, वो तो पॉलिथिन के भी पैसे दे आए।
जहां मन करें वही –
ये काम तो सिर्फ लड़कों के लिए बना है। वॉशरूम आस–पास ना मिल पाने कि स्थिति में कही भी, कभी भी का फॉर्मूला अपनाने वाले लड़कों को लड़कियां इस मामले में टक्कर नहीं दे सकती।
ब्रोमांस का फंडा-
अक्सर आपने सुना होगा कि एक लड़की, कभी भी दूसरी लड़की की दोस्त नहीं हो सकती। वैसे ये सच भी है लड़कियों के बीच दोस्ती चाहे कितनी भी अच्छी क्यो ना हो लेकिन उनके बीच जलन और कॉम्पलेक्स की भावना बनी रहती है जबकि लड़कि अपने ब्रो कोड को बड़ी अच्छी तरह निभाते हैं।
बचत करना-
कम रूपयों में भी घर को चलाना और उसमें भी बड़े ही सीक्रेट तरीके से कुछ पैसे बचा लेना, ये काम सिर्फ लड़कियों को ही आता है। लड़के तो ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकते।
कंडोम या फिर ऐसी चीज़े खरीदना-
कंडोम या फिर इस प्रकार की चीज़े खरीदने जाने से पहले लड़कियों को सौ बार सोचना पड़ता है जबकि लड़के बड़ी ही आसानी से इन चीज़ों को खरीद लेते हैं।
रिश्तों को जोड़कर रखना-
महिलाओं में रिश्तों और परिवार को जोड़कर रखने की आदत होती है। मुश्किल परिस्थिति में भी वो अपने आप को और अपने परिवार को बांधकर रखने की कोशिश करती हैं जबकि पुरूष एडजस्टमेंट से दूर भागते हैं।
मां बनने का सुखद एहसास-
इस खूबसूरत एहसास को जीना भी सिर्फ महिलाओं के बस में होता है। अपने अंदर एक नन्ही सी जान को महसूस करने की खूबसूरती कोई पुरूष नहीं समझ सकता।
लड़कियां नहीं कर सकती ऐसा-
अक्सर ही लड़के, फिल्मों में किसी डेली सोप में लड़कियो का अवतार ले लेते हैं। लड़कियों जैसे कपड़े पहनकर और मेकअप कर के लड़कों के लिए लड़कियों जैसा बनना बहुत आसान होता है लेकिन लड़कियां अगर ऐसा कर भी ले तो उनकी पहचान ज़ाहिर हो जाती है।
लड़के और लडकियाँ – उम्मीद है कि इन बातों से आप भी इत्तेफाक रखते होंगे। लड़के और लडकियाँ वाला ये मैटर जितना सीरियस है उतना ही मज़ेदार भी है। खैर, हम ये मानते हैं कि लड़के और लडकियाँ दोनों ही बराबर होते हैं लेकिन ये कुछ मज़ेदार काम तो सच में ऐसे हैं जिन्हे या तो लड़के कर सकते हैं या लड़कियां कर सकती हैं।
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