3. किसी दोस्त की मदद
दोस्ती का बुखार तो हमारे सर से तभी हटता है जब हम बच्चों के बाप बन जाते हैं. याद करो हर माँ-बाप कहते हैं कि बेटा तुझे तेरी दोस्ती ले डूबेगी. लेकिन हम कहाँ इस बात को सुनते हैं. हम तो बस दोस्ती के लिए जान देने पर तुले होते हैं. लेकिन सभी के साथ ऐसा जरुर होता है कि जल्दबाजी में हम दोस्त के लिए ऐसा जरुर कुछ करते हैं जिसकी वजह से बाद में हमें ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.