ज़िन्दगी है तो मौत भी है, यही अंतिम सत्य है!
लेकिन मौत हो तो ऐसी हो जो थोड़ी आसान हो, कम तकलीफ़ों के साथ हो और हर किसी की आरज़ू है कि दर्दनाक ना हो! लेकिन मरने के कुछ ऐसे भी तरीक़े हैं जिनके बारे में जानकार आपके रोंगटे खड़े हो जाएँगे!
आईये देखें मौत के 7 तरीक़े जो आप दुआ करेंगे कि किसी को भी नसीब ना हों!
1) इलेक्ट्रिक चेयर
लगता है कि जेल में क़ैदियों को सज़ा देने का ये भी एक तरीक़ा है! लेकिन ये मौत कितनी दर्दनाक है, इसका अंदाज़ा आप ख़ुद ही लगा लीजिये ये जानकार कि इलेक्ट्रिक शॉक मिलने पर हमारी त्वचा पिघलने लगती है, आँखें बाहर आ जाती हैं, और अंदरूनी ओर्गन्स सब्ज़ियों की तरह पकने लगते हैं! और कुछ बताऊँ?
2) आर्मी एण्ट
चींटियों से भला कौन डरता है लेकिन अफ़्रीका के कुछ हिस्सों में पायी जाने वाली ये चींटियाँ, 1 लाख से ज़्यादा की तादाद में एक साथ चलती हैं और अपने रास्ते में आने वाले हर जीव-जंतु को खाती जाती हैं! सुना है अफ़्रीका के आदिवासी इलाकों में बीमार इंसानों को भी अपना भोजन बना चुकी हैं!
3) गटर
ये हर जगह आम पाये जाते हैं लेकिन गटर में गिर कर मारना शायद दर्दनाक से ज़्यादा घिनौना और निराशाप्रद होता है! इसलिए ज़रा संभल कर चलो, इस में गिरे तो कोई आवाज़ भी नहीं सुन पायेगा, बचाने की कोशिश करना तो दूर की बात है!
4) मस्टर्ड गैस
ये बायोलॉजिकल वेपन की श्रेणी में आती है और पहले विश्व युद्ध से लेकर आज तक कई बार इसका इस्तेमाल हुआ है! इस गैस का शरीर को छूना ही काफ़ी है उस हिस्से को जला देने के लिए! साँस के साथ अंदर गयी ये गैस तो अंदरूनी ओर्गन्स को जला कर भस्म कर देगी!
5) कीड़ों का आतंक
ऐतिहासिक पर्शिया में अपने दुश्मन को मारने का ये अमानवीय और निर्मम तरीक़ा शायद ही कहीं इस्तेमाल किया जाता हो! लकड़ी के खाली लॉग में आदमी को बाँध के रख दिया जाता था और फिर उसे वो सब खिलाया-पिलाया जाता जिस से कि उसे डायरिया हो जाए! उसके बाद उसकी आँखों, हाथों, और शरीर के दूसरे हिस्सों पर शहद मल दिया जाता और फिर गंदे ठहरे हुए नाले के पानी में छोड़ दिया जाता! आप अंदाज़ा लगाना चाहेंगे कि कीड़े उस शरीर को अपना घर बना लेंगे तो क्या होगा?
6) हाथी से मौत
ऐसा आज तो नहीं होता लेकिन एक ज़माने में भारत के राजा क़ैदियों को सज़ा देने के लिए उन्हें हाथियों के पैरों तले रुंधवा दिया करते थे! सोच के देखिये एक हाथी किसी इंसान के सर को अपने पैरों तले रौंद रहा है!
7) बुढ़ापा
बुढ़ापा सब का आना है लेकिन अगर वो अकेले किसी अस्पताल के कमरे में आये जहाँ आपके दर्द को कम करने के लिए कोई दवाई काम ना करे, आपका कोई अपना आपके साथ ना हो तो कैसा लगेगा? बुढ़ापा अपने आप में एक बिमारी है और सेहन करना अत्यतं मुश्किल!
आशा है ऐसी मौत किसी को ना मिले! ज़िन्दगी ख़त्म हो तो ऐसे कि चुटकी में खेल ख़त्म हो गया, बिना दर्द, तकलीफ़ के! है ना?
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