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निदा फ़ाजली जैसे शायर मरा नहीं करते – उनके ये लफ्ज़ सीधे रूह को छु जाते है.

nida fazli

Nida-Poem

दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती
ख़ैरात में इतनी बङी दौलत नहीं मिलती

कुछ लोग यूँही शहर में हमसे भी ख़फा हैं
हर एक से अपनी भी तबीयत नहीं मिलती

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