छाँव में रख के ही पूजा करो ये मोम के बुत धूप में अच्छे भले नक़्श बिगड़ जाते हैं भीड़ से कट के न बैठा करो तन्हाई में बेख़्याली में कई शहर उजड़ जाते हैं 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · Jagjit Singh · nida fazli · Nida Fazli Poetry · Urdu Shayri · उर्दू शायरी · जगजीत सिंह · निदा फ़ाजली · निदा फ़ाज़ली शायरी Article Categories: विशेष