सब की पूजा एक सी अलग अलग हर रीत
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गाये गीत
पूजा घर में मूर्ती मीरा के संग श्याम
जितनी जिसकी चाकरी उतने उसके दाम
सीता रावण राम का करें विभाजन लोग
एक ही तन में देखिये तीनों का संजोग
मिट्टी से माटी मिले खो के सभी निशां
किस में कितना कौन है कैसे हो पहचान