कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई जिसको चाहा उसे अपना ना सके जो मिला उससे मुहब्बत ना हुई 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · Jagjit Singh · nida fazli · Nida Fazli Poetry · Urdu Shayri · उर्दू शायरी · जगजीत सिंह · निदा फ़ाजली · निदा फ़ाज़ली शायरी Article Categories: विशेष