10 प्रकार के लोग जो आपको कॉलेज कैंटीन में अवश्य मिलेंगे!
10 प्रकार के लोग जो आपको कॉलेज कैंटीन में अवश्य मिलेंगे!
कैंटीन और कॉलेज यह दोनों शब्द एक दुसरे के समान्तर हो गए हैं. हम कॉलेज में से कैंटीन को और कैंटीन में से कॉलेज को कभी अलग नहीं कर सकते. अगर आप यह सोच रहे है कि हम कैंटीन को इतना महत्व केवल इसीलिए दे रहे है क्योंकि वह खाने का स्त्रोत है, तो आप गलत हैं. कैंटीन में यादें बनती है जिसे हम जीवन भर अपने दिल में स्थान देते हैं, अगर यकीन न हो तो किसी पूर्व छात्र को कैंटीन का मोल पूछ लीजिए.
कैंटीन की बात ही कुछ और होती है वह मटरगस्ती, पागलपन, दोस्ती, प्यार वगैरह. कुछ इस प्रकार के लोग होते हैं जो आपको दुनिया कि हर कैंटीन में मिलेंगे.
कैंटीन को लाइब्रेरी समझने वाले: आप अक्सर ऐसे लोगों को देखेंगे जो कैंटीन में अपनी असाइनमेंट पूरी कर रहे हो या कुछ पढ़ रहे हो. ज्यादातर ऐसे छात्र विज्ञान विभाग से होते है और बाकी कुछ ऐसे होते हैं जिनकी असाइनमेंट की आखरी तारीख एक दिन पहले ही ख़त्म हो गयी होती है और उनको एक और दिन की अतिरिक्त महुलत मिली होती हैं पर फिर भी असाइनमेंट अधुरा ही रह जाता है.
घर के टिफ़िन को कैंटीन में खाने वाले: घर के डिब्बे का स्वाद किसको नहीं भाता! परन्तु कैंटीन में जा कर कैंटीन के भोजन के बदले घर से लाया हुआ खाना खाने वाले बहुत मिलेंगे.
प्रेमी जोड़े: अधिकतम प्रेम कहानियाँ कॉलेज के द्वार के अन्दर ही शुरू होती है और उनमे से अधिकांश कहानियाँ वही धरी रह जाती हैं. पर जो कहानियाँ आगे बढती हैं उनके लिए कॉलेज स्वर्ग हैं.
रोमियो (लड़कियों को ताड़ने वाले): कुछ खुशनसीबों को प्रेम जल्द मिल जाता है जब की कुछ लोगों को लाख धुंढने पर भी नहीं मिलता, बस वैसे ही कुछ लोगों की प्रेम की ख़ोज कॉलेज में समाप्त होती है.
दुसरो के खाने में हाथ मारने वाले: खुद शायद कैंटीन में कुछ नहीं खरीदेंगे परन्तु सभी दोस्तों के खानों में हाथ मरेंगे और पुरे कैंटीन में भ्रमर करेंगे.
अरिजीत सिंह और कैलाश खेर: इंडियन आइडल के ख्वाब बुने थे परन्तु ख्वाब हकीकत में नहीं बदले. अपनी प्रेमिकाओं के लिए, या दोस्ती के लिए या बस ऐसे ही, गाना गाने की वजह थोड़ी होती है!
स्थिर (फिक्स्ड) टेबल: आप आज कॉलेज से घर जा कर अगले दिन दोबारा जब वापस आयेंगे तब भी कुछ लोग हमे कैंटीन में ही मिलेंगे. उनका फिक्स्ड टेबल होता हैं, रोज़ वही खाएंगें, आवारागर्दी करेंगे पर फिर भी खाने की बुरे करेंगे. इनकी उपस्थिति (अटेंडेंस) कैंटीन में सबसे अधिक होती हैं.
मिस इण्डिया और मिस यूनिवर्स समझने वाली: भले ही घर से बाल बना कर आई हो फिर भी कैंटीन में वापस बाल बनाने का उनको मज़ा आता हैं. इतना सज-धज के आती हैं कि जो मिस इंडिया/ मिस यूनिवर्स वाले देख ले तो उन्ही को ताज पहना देंगे.
क्लास बंक करके कैंटीन में बैठने वाले: कॉलेज की ब्लैक-लिस्ट में इनका नाम आप ज़रूर पाएंगे, इनकी चर्चा कॉलेज में सबसे अधिक होती है और हर चीज़ की जानकारी इनके पास उपलब्ध होती हैं, चाहे दीपिका पदुकोने की नवीनतम फिल्म हो या मिश्राजी की क्लास.
नए नवेले विद्यार्थी: यह कॉलेज में तो खास किसी को पहचानते नहीं पर बस पहचान बढाने के लिए कैंटीन में आते हैं.
बस ऐसे ही कुछ लोगों के कारण हमारी कॉलेज की ज़िन्दगी और ज्यादा यादगार बन जाती हैं.