7) एलोपैथिक दवाईयों का बहिष्कार
साइंस की तरक़्क़ी का नतीजा है कि कितनी ही बिमारियों पर हम विजय पा चुके हैं लेकिन रिसर्च ये भी बताती है कि एलोपैथिक दवाईयों के ढेरों साइड इफ़ेक्ट भी होते हैं और इसीलिए हमें सिर्फ़ होमियोपैथी, नेचुरोपैथी वगैरह पर ही भरोसा करना चाहिए! यही सबसे बड़ी भूल है क्योंकि एलोपैथी के नुक्सान हैं तो बहुत फ़ायदे भी हैं और जल्दी ठीक होना हो तो एलोपैथी ही काम आती है! इसलिए उसे यूँही नकार देना ग़लती ही है!
ग़लतियों से सीख जाएँ तो भविष्य सुनहरा होगा वरना ऐसी ग़लतियाँ और कीं तो आने वाली नस्लें हमें कभी माफ़ नहीं करेंगी! या क्या पता, धरती जीने लायक बचे ही न! ज़रा संभल जाइए!