4) रूस की अर्थव्यवस्था में बदलाव
सोवियत यूनियन एक कम्युनिस्ट देश था लेकिन 1992 में उसके टूटने के बाद और रूस बनने के बाद वहां के राष्ट्रपति ने बिना ज़्यादा सोच-विचार के उनकी अर्थव्यवस्थता को कैपिटलिस्ट बना दिया! उस ग़लती का नतीजा है कि वहाँ के लोग अभी तक इस नयी अर्थव्यवस्थता के आदि नहीं हुए हैं और देश में ग़रीबी और बेरोज़गारी की भरमार है!