इतिहास

दुनिया भर में हुई इन 7 ऐतिहासिक ग़लतियों ने इतिहास के पन्नों को ही बदल डाला! सच यहाँ है जो आपको नहीं मालूम!

हमारा आज हमारे बीते हुए कल की वजह से है! आज जो भी अच्छा-बुरा हो रहा है, उसके बीज बीते हुए कल में ही बोये गए थे! और आने वाले कल के बीज हम आज बो रहे हैं!

चलिए ज़रा देखते हैं कि इतिहास में ऐसी कौन सी ग़लतियाँ हुईं जिन्होंने मानव सभ्यता का रुख ही बदल दिया!

1) भारत का विभाजन

1947 में भारत को आज़ादी तो मिली लेकिन बंटवारे में पाकिस्तान का जन्म भी हुआ! और बिना ठीक से सोचे-समझे और धर्म की नींव पर हुआ! उस महाकाय ग़लती का नतीजा तो हम सब भुगत ही रहे हैं आज!

2) पर्ल हार्बर पर हमला

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमरीका उस लड़ाई से परे था और उसकी कोई मंशा नहीं थी इस युद्ध में भाग लेने की| लेकिन 1941 में जापान ने जाने क्या सोच कर अमीरका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया! नतीजा ये हुआ कि अमरीका विश्व युद्ध की गहराई में कूद गया और युद्ध का अंत हुआ जब उसने जापान के दो शहरों पर एटम बम गिराये!

3) नेपाल में जानवरों की बलि!

नेपाल के काठमांडू में हर 5 साल में एक बार गढ़िमई त्यौहार मनाया जाता है! इसकी मान्यता है कि इस दौरान जानवरों की बलि चढ़ाई जाए तो इंसानों का जीवन सुखद और तकलीफ़ों से मुक्त होगा! बस इसी अंधविश्वास के चलते लाखों जानवरों को मौत के घात उतार दिया जाता है!

4) रूस की अर्थव्यवस्था में बदलाव

सोवियत यूनियन एक कम्युनिस्ट देश था लेकिन 1992 में उसके टूटने के बाद और रूस बनने के बाद वहां के राष्ट्रपति ने बिना ज़्यादा सोच-विचार के उनकी अर्थव्यवस्थता को कैपिटलिस्ट बना दिया! उस ग़लती का नतीजा है कि वहाँ के लोग अभी तक इस नयी अर्थव्यवस्थता के आदि नहीं हुए हैं और देश में ग़रीबी और बेरोज़गारी की भरमार है!

5) इजिप्ट के मम्मी

हज़ारों साल पहले इजिप्ट में ये मान्यता थी कि मरने के बाद भी शरीर को बचा कर रखना है! इसके लिए वो मृत शरीर को जलाते या ज़मीन में दबाते नहीं थे, बल्कि उसकी बॉडी को “मम्मी” बना कर पिरामिड में रख देते! इस में ग़लती ये थी कि जब तक वो इस क्रिया में निपुण नहीं हुए, तब तक जाने कितने ही मासूम इंसानों को मौत के घाट उतार उन पर ये परिक्षण किये गए!

6) कार्ल मार्क्स की थ्योरी

कार्ल मार्क्स बहुत बड़े ज्ञानी थे जिन्होंने ये थ्योरी दी की किसी भी देश के नागरिकों की हर ज़रुरत की ज़िम्मेदारी वहाँ की सरकार की ही होगी! लेकिन इसके साथ ही इस सोशलिज़्म का नुक्सान ये है कि हर नागरिक की ज़िन्दगी, उसकी आज़ादी भी सरकार के हाथों में ही होगी और चाह कर भी वो जीवन में तरक़्क़ी नहीं कर सकता!

7) एलोपैथिक दवाईयों का बहिष्कार

साइंस की तरक़्क़ी का नतीजा है कि कितनी ही बिमारियों पर हम विजय पा चुके हैं लेकिन रिसर्च ये भी बताती है कि एलोपैथिक दवाईयों के ढेरों साइड इफ़ेक्ट भी होते हैं और इसीलिए हमें सिर्फ़ होमियोपैथी, नेचुरोपैथी वगैरह पर ही भरोसा करना चाहिए! यही सबसे बड़ी भूल है क्योंकि एलोपैथी के नुक्सान हैं तो बहुत फ़ायदे भी हैं और जल्दी ठीक होना हो तो एलोपैथी ही काम आती है! इसलिए उसे यूँही नकार देना ग़लती ही है!

ग़लतियों से सीख जाएँ तो भविष्य सुनहरा होगा वरना ऐसी ग़लतियाँ और कीं तो आने वाली नस्लें हमें कभी माफ़ नहीं करेंगी! या क्या पता, धरती जीने लायक बचे ही न! ज़रा संभल जाइए!

Nitish Bakshi

Share
Published by
Nitish Bakshi

Recent Posts

Jawaharlal Nehru के 5 सबसे बड़े Blunders जिन्होंने राष्ट्र को नुकसान पहुंचाया

भारत को आजादी दिलाने में अनेक क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था, पूरे…

5 years ago

Aaj ka Rashiphal: आज 3 अप्रैल 2020 का राशिफल

मेष राशि आप अपने व्यापार को और बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहेंगे. कार्यक्षेत्र में…

5 years ago

डॉक्टर देवता पर हमला क्यों? पढ़िए ख़ास रिपोर्ट

भारत देश के अंदर लगातार कोरोनावायरस के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं. डॉक्टर्स और…

5 years ago

ज्योतिष भविष्यवाणी: 2020 में अगस्त तक कोरोना वायरस का प्रकोप ठंडा पड़ जायेगा

साल 2020 को लेकर कई भविष्यवाणियां की गई हैं. इन भविष्यवाणियों में बताया गया है…

5 years ago

कोरोना वायरस के पीड़ित लोगों को भारत में घुसाना चाहता है पाकिस्तान : रेड अलर्ट

कोरोना वायरस का कहर लोगों को लगातार परेशान करता हुआ नजर आ रहा है और…

5 years ago

स्पेशल रिपोर्ट- राजस्थान में खिल सकता है मोदी का कमल, गिर सकती है कांग्रेस की सरकार

राजस्थान सरकार की शुरू हुई अग्नि परीक्षा उम्मीद थी कि सचिन पायलट को राजस्थान का…

5 years ago