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अब गब्बर का PWD चलेगा यानि पॉवर वाला डंडा, ऐसे कड़क करारे डायलोग बनाते है अक्षय को खिलाडियों का खिलाड़ी!

एयरलिफ्ट फिल्म हर रोज़ सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है.

इस फिल्म में अक्षय की अदाकारी के साथ साथ उनके संवादों की भी खासी तरफ हो रही है. आज आपको बताते है अक्षय कुमार के वो डायलोग जिन्होंने लोगों का ना सिर्फ मनोरंजन किया बल्कि लोगों की जुबान पर ऐसे चढ़े की आज तक रोज़मर्रा की जिंदगी में कोई ना कोई अक्षय के डायलोग बोलता हुआ दिख ही जाता है.

ये है पिछले कुछ सालों में अक्षय कुमार के वो संवाद जो सबके दिलों पर छा गए 

 पीने की कैपेसिटी, जीने की स्ट्रेंथ, अकाउंट का बैलेंस और नाम का खौफ…. कभी भी कम नहीं होना चाहिए

-वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई

जो मैं कहता हूँ वो मैं करता हूँ और जो मैं नहीं कहता वो मैं डेफिनेटली करता हूँ 

-रावडी राठौर

मैं कृष्ण हूँ इसलिए चमत्कार करता हूँ, मैं चमत्कार करता हूँ इसलिए कृष्ण नहीं हूँ 

-OMG ओह माय गॉड

तुम लोग परिवार के साथ यहाँ चैन से जियो, इसलिए हम लोग वहां बॉर्डर पर मरते है.

-हॉलिडे

जहाँ प्यार होता है वहां नाराज़गी नहीं, उम्मीद होती है 

-नमस्ते लंदन

हड्डियाँ तोड़ने में वो मज़ा नहीं जो तेरी अकड़ तोड़ने में है

– गब्बर इज़ बैक

सबके करम सामने आयेंगे… वो क्या है ना कर्मा रिश्वत नहीं लेता

– गब्बर इज़ बैक

आदमी की फितरत ही ऐसी होती है, जब चोट लगती है तो आदमी माँ माँ ही चिल्लाता है सबसे पहले.

-एयरलिफ्ट

असली पॉवर दिल में होती है 

– स्पेशल 26


लड़कियों को नाख़ून सिर्फ रंग लगाने के लिए नहीं बढ़ाना चाहिए, कोई छेडे तो उसके चेहरे को नोच लेना चाहिए 

– सिंह इस ब्लिंग

रीलिजन वाला जो कॉलम होता है न उसमे हम बोल्ड और कैपिटल में इंडियन लिखते है 

– बेबी

 देश से दूर रहता हूँ… लेकिन देश को अपने दिल के करीब रखता हूँ 

–  हे बेबी

देखा हर फिल्म एक से बढ़कर एक और हर एक संवाद गज़ब का.  अक्षय कुमार की खासियत है कि वो अभिजात्य वर्ग को भी उतने ही पसंद आते है जितने छोटे शेरोन के दर्शकों को.

अब असली सुपरस्टार तो वही होता है ना जिसे सबका प्यार मिले और इस मामले में अक्षय जैसा कोई नहीं.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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