4) फ़र्क नहीं पड़ना जब रिश्ता थोड़ा सा पुराना हो जाता है तो लगने लगता है कि चलो पार्टनर तो है ही, अब ज़रा बाक़ी चीज़ों पर ध्यान दे दें! मतलब हम उन्हें उस गंभीरता से नहीं लेते जिसकी ज़रुरत है| बस, दूरियाँ बढ़नी स्वाभाविक हैं! 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · कहानियाँ · ग़लतियाँ · फिल्में · बदलाव · माफ़ी · रिश्तों का टूटना · रिश्तों को समेटना · विश्वास Article Categories: संबंध