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हाथ में तलवार वाले हनुमान ! इतिहास गवाह है जिसने टेका यहाँ माथा उसकी नहीं हुई आज तक कोई हार

आप आज तक बहुत से हनुमान मंदिरों में गये होंगे.

अपने यहाँ तरह-तरह के भगवान हनुमान भी देखे होंगे. कहीं लेटे हनुमान तो कहीं गारंटी देते हुए हनुमान और कहीं महिला रूप में हनुमान.

तो जब आप इस तरह के हनुमान देखते होंगे तो खुद से जरूर पूछते होंगे कि आखिर एक भगवान के इतने रूप कैसे हो सकते हैं.

तो सबसे पहले यह जाने लें कि जब भी भगवान कहीं जाते हैं तो अपनी अलग-अलग माया सबको दिखाते हैं और बाद में उसी आधार पर यह मंदिर बना दिए जाते हैं.

आज आपको हनुमान जी के ऐसे ही एक अन्य रूप से वाकिफ कराते हैं जहाँ हनुमान जी हाथ में तलवार लिए हुए हैं और यह सभी तरह की जीत का आशीर्वाद यहाँ देते हैं.

कहते हैं कि कई राजा यहाँ युद्ध लड़ने से पहले जीत का आशीर्वाद लेने आते थे और आज तक कोई यह बोलने नहीं आया है कि उसकी हार हुई है. वर्तमान में लोग यहाँ परेशानियों का हल जानने के लिए आते हैं और सभी जीत का आशीर्वाद लेकर ही वापिस जाते हैं.

विख्यात हनुमान मंदिर

हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में ​​रणजीत हनुमान मंदिर के बारें में जहाँ पूरे साल लाखों लोग जीत का आशीर्वाद लेने आते हैं. इस मंदिर में श्री रणजीत हनुमान जी ढाल और तलवार लिए विराजमान हैं. संसार का यह एकलौता हनुमान मंदिर है जहाँ हनुमान जी हाथ में ढाल और तलवार के साथ हैं और इनके चरणों में अहिरावण है. इस मंदिर की स्थापना का कोई निश्चित और प्रमाणित इतिहास तो नहीं है किन्तु कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना सवा सौ साल से भी पहले की गई थी. हनुमान यहाँ पर तलवार हाथ में लिए हुए हैं और ऐसा लगता है कि वह किसी युद्ध में जाने की तैयारी कर रहे हैं.

प्रचलित है यह कथा

कहते हैं कि एक बार दो राजाओं की लड़ाई में एक राजा जंग हारने की कगार पर पहुंच गया. भागते हुए वह भर्तहरी गुफा में पहुंचा, जहाँ पर एक महात्मा जी ध्यान कर रहे थे. राजा काफी देर यहाँ बैठा रहा और जब महात्मा जी का ध्यान खत्म हुआ तो उन्होंने राजा को कुछ रोटी के टुकड़े दिए और कहा कि इन्हें रास्ते में डालते जाना और जब तक यह खत्म ना हो जाये, पीछे मुड़कर मत देखना. जहां ये टुकड़े खत्म होंगे वहां तुम्हें एक मंदिर मिलेगा और वहीं तुम्हारी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी. राजा ने ऐसा ही किया, और जिस मंदिर के बाहर रोटी के टुकड़े खत्म हुए वो हनुमान जी का था, राजा ने पीछे मुड़कर देखा तो एक बड़ी सेना उसके पीछे थी, उसने फिर युद्ध किया और विजय हासिल की.

तभी से इस मंदिर को रणजीत हनुमान मंदिर कहा जाने लगा.

मंदिर के बारें में बोला जाता है कि अगर आधा घंटा भी यहाँ आप आराम से ध्यान लगाते हैं तो आपकी सभी परेशानियों का हल आपको तुरंत हाथों हाथ प्राप्त हो जाता है. तो अब अगर आप कभी उज्जैन जायें तो यहाँ जाना कभी ना भूलें…​

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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