The Silent Heroes:13 गूंगे बहरे बच्चों के अदम्य साहस की अनसुनी कहानी
कभी सोचा है क्या होगा अगर हमारी आवाज़ हमेशा के लिए चली जाए…ना हम किसी को कुछ कह सके ना किसी का कहा सुन सके. संगीत, पानी की कलकल, मां का दुलार ,पिता का प्यार और दोस्तों की मस्ती भरी पुकार सब कुछ अचानक खामोश हो जाये. सोच कर ही रूह काँप उठती है ना?
अब ज़रा सोचिये उनकी क्या हालत होती होगी जो जन्म से ही मूक बधिर है या साधारण भाषा में कहे तो जो ना बोल सकते है ना सुन सकते है.
लेकिन वो कहते है ना कि ईश्वर अगर कुछ छीनता है तो बदले में कुछ देता भी ज़रूर है. शायद इसीलिए जो लोग अपनी बात कह सुन नहीं पाते वो दिमाग के मामले में हमसे कहीं आगे होते है.
ऐसे ही 13 मूकबधिर बच्चों के साहस और ज़ज्बे की अनदेखी अनसुनी कहानी को सिनेमा के परदे पर उतारा है महेश भट्ट ने.
महेश भट्ट की आने वाली फिल्म The Silent Heroes एक सच्ची कहानी है दोस्ती की, साहस की और अपनी कमियों पर जीत पाकर सफल होने की.
जिस तरह से इन 13 बच्चों ने बिना एक शब्द भी बोले अभिनय किया है और अपनी भावनाएं प्रदर्शित की है, फिल्म देखने के काफी समय बाद भी इन बच्चों की अदाकारी आप याद रखेंगे.
ये फिल्म देखने के बाद आपको अहसास होगा कि शारीरिक अक्षमता पर जीत पाकर कैसे हिम्मत के बल पर कुछ भी किया जा सकता है. इस फिल्म को देखने के बाद आप खुद को और भी बेहतर इंसान इंसान बनाने की कोशिश करेंगे.
आइये मिलते है The Silent Heroes के किरदारों से और जानते है उनमे क्या है खास…
आशीष और गुरफरीन
आशीष को जिन्दगी में रोमांच पसंद है. आशीष का लक्ष्य गरीब और ज़रुरतमंदों की मदद करके इस दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने का है. वहीँ दूसरी और गुरफरीन को किताबें पढ़ना और बास्केटबॉल खेलना पसंद है. गुरफरीन का सपना एक डांसर बनने का है.