10. संघीय एजेंसी और खुफिया तंत्रों में बेहतर तालमेल के लिए अधिकारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाए, जिससे अधिकारियों में सूचना तंत्र की समझ और नेटवर्क बढ़ाया जा सके.
आतंकवाद का खतरा – आज इस समस्या से सिर्फ सेना, पुलिस या सशस्त्र बल को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को आतंकवाद से लड़ना होगा. इसके लिए तात्कालिक और दीर्घकालीन सुरक्षा मापदंड बनाने होंगे. इसके साथ ही केन्द्र और राज्य सरकारों को भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा के बारे में सोचना होगा.
तब कहीं जाके आतंकवाद का खतरा तल सकता है.