3) प्रेम धवन:
और फिर आया दौर फ़िल्मी गीतों में कवियों के शब्दों का जादू देखने का!
गीतकार, संगीतकार प्रेम धवन का लिखा फिल्म काबुलीवाला का गीत “ए मेरे प्यारे वतन” कई दिलों की ज़बान बन गया! 1923 में अम्बाला शहर में जन्मे प्रेम धवन भारतीय फिल्म जगत के जाने माने लेखक के रूप में जाने जाते हैं!
“ऐ मेरे प्यारे वतन“
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुरबान
तू ही मेरी आरजू़, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
तेरे दामन से जो आए
उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस जुबाँ को
जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगी तेरी शाम
तुझ पे दिल कुरबान
माँ का दिल बनके कभी
सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं-सी बेटी
बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल कुरबान
छोड़ कर तेरी ज़मीं को
दूर आ पहुँचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना
तेरे ज़र्रों की कसम
हम जहाँ पैदा हुए उस
जगह पे ही निकले दम
तुझ पे दिल कुरबान