ब्रिटेन की कम्पनी जहाँ भी व्पापार करना शुरू करती थी तो उससे पहले यह बात महारानी के सामने रखी जाती थी.
उसके बाद उस देश के बारें में समय-समय पर सर्वे करवाए जाते थे.
भारत के बारें में ब्रिटेन ने कई सर्वे करवाए थे. अलग-अलग इतिहासकारों ने भारत के लिए अलग-अलग बात कही है. किन्तु सभी ने अपना अंतिम सार यही बताया है कि भारत एक गौरवशाली देश है, जो अपने संस्कार और संस्कृति की वजह से अजर-अमर है.
तो आज हम आपको इन्हीं सर्वें में से कुछ ख़ास सर्वों की ख़ास बातें बताते हैं क्योकि इनको पढ़कर आप भारत का इतिहास जान पाओगे और समझ जाओगे कि भारत उस समय कितना महान था-
टी. बी. मैकाले ने कही यह बातें-
भारत का इतिहास जिसके बारे में ऐसा बताया जाता है कि 12 फरवरी 1835 को टी. बी. मैकाले ने ब्रिटेन की संसद में बोला था कि भारत में कोई गरीब नहीं है. सभी लोगों के पास रोजगार हैं. कोई झूठ नहीं बोलता है. कोई भी व्यक्ति किसी से दुश्मनी नहीं रखता है. भारत के घर-घर में सोना है. भारत तो सोने की चिड़िया है. भारत एक समृद्धशाली और विकसित देश है.
किन्तु आज यह भारत का इतिहास हमको इसलिए झूठ लगता हैं क्योकि ऐसा कुछ अब हमारे देश में दिखता ही नहीं है.
आज हम गरीब हैं और लाचार हैं. स्वर्गीय राजीव दीक्षित बताया करते थे कि कभी जर्मनी और स्विजरलैंड के पास कुछ भी नहीं था. आज स्विजरलैंड विश्व का सबसे अमीर देश बताया जाता है किन्तु इन देशों के पास अपना कुछ नहीं है. जर्मनी के पास ना तो कोई मीठे फल हैं और ना ही रेशेदार सब्जियां है. भारत कभी सम्पूर्ण विश्व को मसाले और सब्जियां देता था. किन्तु आज के हालात उलटे हो चुके हैं, आज भारत विश्व का सबसे बड़ा मांस निर्यातक देश बनने वाला है.
फ्रांस के इतिहासकार फ्रांस्वा पिराँड ने लिखा –
फ्रांस के इतिहासकार फ्रांस्वा पिराँड ने भी भारत को लेकर एक सर्वे किया था. जहाँ इस इतिहासकार ने बताया था कि भारत पिछले कुछ 3000 वर्षों से विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. यह बात इस लेखक ने कुछ 1811 सन में बोली थी. उस समय भारत की जमीन हीरा थी. यहाँ कपास, मसाले, अनाज, फल और अन्न सबकुछ उग रहा था. शास्त्रों में जो विधि बताई गयी हैं, उनके अनुसार यहाँ खेती हो रही थीं.
इसी प्रकार विलियम डीगवी बताते हैं कि अंग्रेजों ने कपड़े बनाने का व्यवसाय भारत से सीखा था. ब्रिटेन को क्या, कभी एक समय में भारत पूरे विश्व को कपड़े बनाकर बेचता था. कुछ देश कच्चा माल भारत से खरीदते थे. अंग्रेज भारत आये और पहले इन्होनें कपडे बनाना भारत से सीखा और उसके बाद भारत में कपड़े बनाने वाली मीलों पर रोक लगा दी गयी. भारत से कच्चा माल इंग्लैंड जाता था और फिर वापस भारत कपड़े बनकर आते थे. भारत अपने सोने से कपड़े खरीदने लगा था और घरों से इसी प्रकार सोना बाहर आने लगा था.
ब्रिटिश संसद में भारत के लिए लिखा है –
इसी प्रकार ब्रिटिश संसद में सन 1813 से 1840 तक के समय के लिए भारत के बारें में लिखा गया है कि विश्व के कुल उत्पादन का 43 प्रतिशत हिस्सा भारत में उत्पादित होता है. विश्व के कुल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 33 फीसदी है. विश्व के कुल निर्यात का 27 प्रतिशत भारत से माल बाहर जा रहा है.
अब इन आंकड़ों को देखकर ही आप समझ जाइये कि आखिर क्यों भारत को सोने की चिड़िया बोला जाता था.
अंग्रेज इस देश में जब आये तब यहाँ की शिक्षा नीति, विचार, भाषा और संस्कारों को तबाह करके भारत को कब्रिस्तान बनाया गया है. संस्कृत में वेद हैं और हम बोलते अंग्रेजी हैं. वेदों में तरक्की है और हम अंग्रेजी कॉल सेंटर में नौकरियां कर रहे हैं. भारत एक समय विश्व का सबसे अमीर और विकसित देश था यह बात इन लेखकों के सर्वें से साफ़ हो जाती है. स्वर्गीय राजीव दीक्षित यही बात और यही आकड़े अपने भाषणों में बताया करते थे.
भारत का इतिहास जिसको अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायें ताकि हम क्या थे और क्या बन गये हैं यह बात देश का बच्चा-बच्चा जान जाए.
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