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आईएएस की लड़की हूँ, चालान काटा तो देख लुंगी तुझे

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भारत को बर्बाद करने में जितना हाथ नेताओं का हैं, उतना ही बड़ा योगदान भारत देश में काम करने वाली बुयरोक्रेसी  का भी रहा हैं.

जहाँ नेता अपने पॉवर का गलत इस्तेमाल करने से कभी बाज़ नहीं आते हैं, वहीँ भारत के प्रशासनिक ढाचें को चलाने के लिए नियुक्त की गयी यहाँ की नौकरशाही भी अपने अधिकारों का हमेशा से गलत इस्तेमाल करती आई हैं.

इस बद-मिजाज़ी का एक और उदाहरण हमें भिवानी में देखने को मिला, जहाँ एक आईएएस ऑफिसर की लड़की ने सरेआम सड़क के नियम तोड़े और उसके बात अपने बाप की धौंस दिखाते हुए ट्रैफिक पुलिस और आर.एस.ओ. के  कर्मचारियों से बदतमिज़ी की और उन्हें चालान काटने से रोकने की कोशिश भी की.

ये पूरा मामला हरियाणा के भिवानी क्षेत्र में कुछ दिन पहले हुआ.

असल में भिवानी के अनाज मंडी की चौकी के निकट भिवानी ट्रैफिक पुलिस और रोड सेफ्टी आर्गेनाइजेशन ने एक साथ मिल कर वाहन जाँच का कैंप लगाया हुआ था, जिसके तहत पुलिस उस चौक से गुज़रती सभी गाड़ियों की जांच कर रही थी. तभी वहां से स्कूटी चलाते हुए एक युवती गुज़र रही थी जिसने हैलमेट नहीं लगाया था.

ट्रैफिक पुलिस के समूह में खड़ी एक महिला पुलिस ने जब इस लड़की को बिना हैलमेट के गाड़ी चलाते देखा तो अन्य पुलिस और आर.एस.ओ. के कर्मचारियों के साथ मिल कर उसे रोका और बिना हैलमेट लगायें गाड़ी चलाने के बारे में पूछताछ करने लगे. उस लड़की ने अपने द्वारा की गयी गलती स्वीकारने के बजाएं, उल्टा उन पुलिसवालों से ये कहने लगी कि अगर मेरा चालान काटने की कोशिश करी तो देख लुंगी तुम सब को, आईएएस की बेटी हूँ.

उस लड़की द्वारा की गयी इस बदतमिज़ी से वह मौजूद पुलिस कर्मचारी भी गुस्से में आ गए और कहा कि पहले तो हम तुम्हे सिर्फ समझा कर छोड़ देने वाले थे, लेकिन अब तो तुम्हारा चालान ज़रूर बनेगा. वह मौजूद ट्रैफिक पुलिस और रोड सेफ्टी संस्था के लोगों ने चालान बनाने की कारवाही पूरी की और उसके बाद ही उस लड़की को जाने दिया.

अपने बाप के पद की धौंस दिखाने वाली उस लड़की को इस घटना के बाद एक तगड़ा सबक तो ज़रूर मिला होगा कि चाहे आप कोई भी हो, भारत के संविधान, भारत के कानून से ऊपर नहीं हैं.

ये कतई नहीं होगा कि पहले तो आप गलती करे उसके बाद अपने पद का रौब दिखा कर कानून मानने से इनकार कर दें.

ऐसी सोच या ऐसी किसी भी तरह बात आप के ख्याल में आती हैं तो अपने दिमाग में अच्छे से बैठा लिजियें कि कानून की नज़र में सब समान हैं, फिर वह चाहें कोई सामान्य नागरिक हो या किसी बड़े अधिकारी या नेता के बच्चें!

सज़ा तो ज़रूर मिलेगी.

अगर आपने गलती की हैं तो उसकी सज़ा भुगतने के लिए भी आप को तैयार रहना होगा.