भारत और श्रीलंका के बीच चल रही टेस्ट सीरीज़ के दुसरे मैच में भारत ने श्रीलंका को 278 रनों से हराकर पिछले मैच की हार का हिसाब बराबर कर लिया हैं.
भारतीय टीम ने कोलम्बो के ‘पी सारा ओवल मैदान’ में खेलें गए दुसरे टेस्ट मैच को जीत कर इस सीरीज़ को 1-1 से बराबर कर दिया हैं.
पहले टेस्ट मैच में जिस तरह भारतीय स्पिनर ने अच्छा प्रदर्शन किया था बस वैसा ही प्रदर्शन अपने दुसरे मैच में भी बरक़रार रखते हुए बेहतरीन गेंदबाज़ी की और श्रीलंकाई टीम के लिए बल्लेबाज़ी मुश्किल कर दी. अपनी स्पिन के दम पर आश्विन ने श्रीलंका टीम के 5 विकेट झटके और अमित मिश्रा ने 3 विकेट लिए जिससे श्रीलंका की टीम जल्दी निपट गयी.
मैच के आखिरी दिन श्रीलंका की टीम अपनी चौथी पारी खेलने उतरी तो भारत की तरफ से 413 रन का बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए 134 के मामूली स्कोर में ही आलआउट हो गयी.
खेल के चौथे दिन भारतीय टीम ने 325 रन के स्कोर पर अपनी पारी घोषित करते हुए, श्रीलंका की टीम को बल्लेबाज़ी करने का मौका दिया. चौथे दिन का खेल ख़त्म होते तक मे श्रीलंका के 2 विकेट गिर चुके थे और खेल के आखिरी दिन भारतीय टीम को जीत के लिए बस 8 विकेट की ज़रूरत थी, जिसे भारतीय टीम के गेंदबाज़ों ने दिन का खेल ख़त्म होते तक पूरा चटक लिया.
लेकिन भारत की इस जीत में दो अजीब संयोग बने, जिससे भारतीय टीम की यह जीत और भी महत्वपूर्ण हो गयी.
भारतीय टीम की विदेशी धरती पर रनों के लिहाज़ से यह अब तक की दूसरी सबसे बड़ी जीत हैं. इस जीत से पहले भारतीय टीम ने 1986 में ऐसी ही एक और जीत लीड्स में इंग्लैंड पर भी हासिल की थी.
1986 में इंग्लैंड में खेले गयी उस मैच में भारत ने इंग्लैंड की टीम को 408 रन का लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम बल्लेबाज़ी करते हुए 128 पर ही सिमट गयी थी. इस मैच में रॉजर बिन्नी ने अहम् भूमिका निभाई थी. रॉजर बिन्नी ने इस मैच में 40 रन देकर 5 विकेट लिए थे और इंग्लैंड की टीम को कमज़ोर कर दिया था जिसका नतीजा यह हुआ था कि इंग्लैंड की टीम वह मैच हार गयी थी.
वहीँ हाल में हुए भारत और श्रीलंका के इस मैच भी हुआ. भारत की वर्तमान टीम में रॉजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी भी टीम में मौजूद थे. हांलाकि इस मैच में उनका खास योगदान नहीं रहा लेकिन ये संयोग ही हैं कि भारतीय टीम को मिली इन दोनों जीत में बिन्नी फैक्टर काम कर गया. खैर इन सब को बातों संयोग ही कहें तो बेहतर होगा.
क्योकि असल में जीत का श्रेय तो भारत की पूरी टीम को जाता हैं, जिसने इतना बढ़िया प्रदर्शन किया और मैच जीत कर सीरीज़ में बराबरी कर ली.