आतंकवादी हमलों की रफ्तार देश के विकास से भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
आज से 10 साल पहले शनिवार के दिन दिल्ली की सड़कों पर एक ऐसा धमाका हुआ था जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इन धमाकों से पहले दिल्ली के सभी बड़े मीडिया हाउस के पास एक मेल आया जिसमें जो खबर थी उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
क्या था मेल में
Al_arbi_delhi@yahoo.com से आए इस मेल में लिखा था – अल्लाह के नाम पर इंडियन मुजाहिद्दीन एक बार फिर हमला कर रहा है.. कुछ कर सकते हो तो कर लो.. रोकने की कोशिश कर सकते हो तो कर लो..
इस मेल से पहले यूपी, जयपुर और अहमदाबाद में बम धमाके हो चुके थे जिनसे पहले ही पूरा देश सहमा हुआ था। इस मेल को पाने के बाद जब तक मीडया वाले हरकत में आते या पुलिस या नेता को कोई खबर दे पाते उससे पहले ही शाम को 6 बजकर 10 मिनट पर दिल्ली की गफ्फार मार्केट में एक धमाका हुआ।
इस हादसे को पुलिस और जनता समझ पाती उतने में ही दिल्ली के क्नॉट प्लेस में बम फटा। इसके बाद बाराखंभा रोड़ की गोपालदास बिल्डिंग के पास साढ़े 6 बजे धमाका हुआ। इसके ठीक एक मिनट बाद सेंट्रल पार्क मेट्रो स्टेशन पर बम फटा। इसी के साथ ग्रेटर कैलाश 1 के एम ब्लॉक मार्केट में मैक डॉनल्ड के पास बम धमाका हुआ। इसके ठीक सात मिनट बाइ इसी बाजार में प्रिंस नान भंडार के पास एक और धमाका हुआ।
महज़ 30 मिनट के अंदर दिल्ली में 5 जगहों पर धमाके हुए जिससे पूरी दिल्ली दहल उठी। ये पांच बम तो फट गए थे लेकिन इनके अलावा और भी जगहों पर बम लगाए गए थे जिन्हें बॉम स्क्वॉएड टीम ने डिफ्यूज़ कर दिया था। ये बम इंडिया गेट, क््नॉट प्लेस में रीगल सिनेमा के पास और क्नॉट प्लेस में और पार्लियामेंट स्ट्रीट पर रखे गए थे।
आतंकवादी नेटवर्क इंडियन मुजाहिद्दीन ने किया था मेल
दिल्ली में एकसाथ हुए इतने बम धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली थी और उन्होंने ईमेल के ज़रिए इस बात की जानकारी दी थी।
इस कांड में जो लोग शामिल थे वो दिल्ली में ही रह कर इसे बर्बाद करने की साजिश रच रहे थे। पुलिस को खबर मिली थी कि बटला हाउस में आतंकवादी रह रहे हैं। पुलिस ने इस जगह की घेराबंदी की। एसआई धर्मेंद्र कुमार फोन कंपनी के सेल्समैन के लुक में पहुंचे और एल 18 का गेट खटखटाया। बाकी पुलिस वाले नीचे इंतजार कर रहे थे। उस कमरे में चार लड़के थे जिनमें अमीन, साजिद, आरिज और शहजाद पप्पू थे। इनमें से एक सैफ नाम का लड़का बाथरूम गया हुआ था। पुलिस ने फायरिंग शुरु कर दी जिसमें दो लड़के मारे गए।
देशभर में खलबली मचाने वाली मीडिया के भी इस हादसे से हाथ-पांव कांपने लगे थे। जब उन्हें ये ईमेल मिला तो उनके भी होश पूरी तरह से उड़ गए थे और वो भी नहीं समझ पा रहे थे कि उन्हें ऐसे में क्या करना चाहिए और ना ही कुछ करने के लिए उनके पास समय था।
लेकिन सवाल तो ये उठता है कि दिल्ली में बम धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिद्दीन ने पुलिस या नेताओं की जगह मीडिया हाउस को क्यों ईमेल किया।
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