हिजबुल के पोस्टर ब्वायज बुरहान वानी की तरह लश्कर का मोस्ट वांटेड कमांडर अबू दुजाना भी मरने वाला था.
उसकी किस्मत ने एक बार फिर उसका साथ दे दिया और अबू दुजाना बुरहान की मौत मरने से बच गया. लेकिन वह ज्यादा दिन तक बच नहीं पाएगा. यह तो तय है.
क्योंकि मौत उसका पीछा कर रही है यह इसका आभास तो उसे भी हो ही चुका है.
दरअसल, सुरक्षा बलों को अपने सूत्रों से खबर मिली थी कि मंगलवार को इलाके में कुछ आतंकियों की गतिविधियां देखने को मिल सकती है. बाद में इस खबर को खुफिया विभाग ने रिफाइंड किया तो पता चला कि लश्कर का एक बड़ा आतंकी किसी काम से पुलवामा में आने वाला है.
लिहाजा अब खबर सटीक और पकी थी. पुलिस ने भी अपना जाल बिछा दिया. सूचनाओं के आधार पर सेना और पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) द्वारा नाका लगा कर तलाशी अभियान चलाया गया था. गाड़ियों की रोक कर तलाशी ली जाने लगी.
लेकिन इसी बीच एक गाड़ी नाके से पहले ही रुक गई और उसमें सवार कुछ संदिग्ध सुरक्षाबलों को देखकर फरार हो गए. जब तक पुलिस वहां पहुंचती तब तक वे भाग चुके थे.
बाद में पता चला कि जो लोग गाड़ी छोड़कर भागे हैं वे सभी हार्ड कोर आतंकवादी थे और मुखबिर के अनुसार गाड़ी में लश्कर का मोस्ट वांटेड कमांडर अबू दूजाना भी सवार था.
इसकी पुष्टि मोबाइल फोन से भी होती है. क्योंकि भागते समय आतंकियों का मोबाइल गाड़ी में ही छूट गया था और जो मोबाइल बरामद हुए उनमें एक मोबाइल लश्कर कमांडर अबू दूजाना का भी है.
गौरतलब है कि दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों को चकमा देने वाला लश्कर का यह कमांडर अबू दुजाना इससे पहले भी सुरक्षाबलों को तीन बार चकमा देने में कामयाब रहा है.
लेकिन पुलिस ने उस गाड़ी को सीज कर आस-पास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.
आपको बतातें चले कि लश्कर के पूर्व कमांडर अबू कासिम की अक्टूबर 2015 में मुठभेड़ में हुई मौत के बाद अबू दुजाना ने लश्कर की घाटी में कमान संभाल रखी है.
इस अबू दुजाना पर 15 लाख का इनाम भी है.