कहते है ना सांप कभी अपनी फितरत नहीं बदलता. उसकी फितरत है काटना तो वो काटेगा चाहे आप उसे कितना भी दूध पिलाओ.
ऐसा ही कुछ हमारे पड़ोसी देश का हाल है.
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस की यात्रा से अफ़ग़ानिस्तान आते हुए पाकिस्तान में अचानक पहुँच कर सबको चौंका दिया था.
सभी ने इस कदम का स्वागत किया था कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के लिए तत्पर है.
एक तरह से ये निमन्त्रण था कि हम आपसे बात करने के लिए तैयार है और आप भी आतंकवाद से लड़ने में हमारा साथ दो.
लेकिन लगता है हमारे पड़ोसी को शांति की भाषा समझ नहीं आती. जिस तरह कुत्ते की पूँछ सीढ़ी नहीं होती उसी तरह पाकिस्तान भी सुधर नहीं सकता.
भारत के शांति प्रयासों को एक बार फिर पाकिस्तान ने अपनी घटिया हरकत के चलते बर्बाद कर दिया.
नए साल पर पाकिस्तान ने पंजाब में घुसकर भारतीय वायुसेना के बेस पर आत्मघाती हमला किया है.
आज सुबह करीब 3.30 बजे भारतीय वायुसेना के गणवेश में पाकिस्तानी आतंकवादी पंजाब के पठानकोट में स्थित भारतीय वायुसेना के सबसे महत्वपूर्ण एयर बेस में से एक में घुस गए और अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी.
पठानकोट ऐर्बेस सामरिक दृष्टि से एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. चंडीगढ़ से करीब 200 किलोमीटर और पाकिस्तान बॉर्डर से मात्र 50 किलोमीटर पर स्थित इस ऐर्बेस में मिग विमान रखे जाते है.
इस एयरबेस पर हमला करके आतंकियों ने ये बताया है कि लाख कोशिश करने पर भी हम आतंवादियों को दहशत फ़ैलाने से नहीं रोक सकते.
सूत्रों के अनुसार गुप्चार संस्थाओं को नए साल की शुरुआत में आतंकी हमला होने की खबर थी. आज सवेरे जब ठण्ड और कोहरे में जब बेस के लोग आराम कर रहे थे उसी समय ताबड़तोड़ गोलियां चलनी शुरू हो गयी.
भारतीय जवानों और पंजाब पुलिस ने त्वरित कार्यवाही शुरू कर आतंकियों पर जवाबी हमला किया.
अभी तक मिली ख़बरों के अनुसार भरतीं सेना के चार आतंवादियों को मार गिराया है लेकिन साथ ही साथ भारतीय सेना के दो जवान भी शहीद हो गए है.
पंजाब पुलिस ने पठानकोट को सील कर दिया है. सेना और पुलिस मिलकर अब शहर के चप्पे चप्पे में घूम रही है कि कहीं और भी आतंकवादी शहर में छुपे ना हो.
नए साल के दुसरे ही दिन ऐसी घटना ने देश को सकते में ला दिया है. लेकिन एक बात है बार बार पाकिस्तान दुस्साहस करता है और भारत की अस्मिता को चोट पहुंचाता है. दूसरी ओर हम है जो बार बार कूटनीति और शांति की बातें करके रह जाते है.
एक बार भी पाकिस्तान की हरकतों के लिए हमने उसे कड़ा जवाब नहीं दिया. अगर ऐसा ही चलता रहा तो आतंकवादी जब चाहे जहाँ चाहे आकर मासूमों की जान लेते रहेंगे.
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी इस वादे के साथ सत्ता में आये थे कि पाकिस्तान की घटिया हरकतों का कड़ा जवाब दिया जाएगा और आतंवादियों को किसी हाल पर नहीं छोड़ा जायेगा. लेकिन सत्ता में आते ही उनके सुर भी पिछले प्रधानमंत्रियों के जैसे ही हो गए.
ये हमारे देश की विडंबना ही है कि एक तरफ देश के प्रधानमन्त्री पाकिस्तान जाकर शांति की बात करते है, दूसरी और विपक्ष के कुछ नेता पाकिस्तान में जाकर नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने की बात करते है और इन दोनों के बीच पाकिस्तान अपना फायदा उठाता है और भारत की शांति भंग कर खौफ का माहौल बनाता है और निर्दोषों की जान लेता है.