फाइनेंशियल नजरिये का मिलना – आजकल आपको ऐसे कई कपल्स मिल जाएंगे जिनके बीच शादी के छह-सात महीने के बाद ही झगड़े शुरू हो जाते हैं। जिसके कारण एक-दो साल में ही कपल्स के बीच में तलाक हो जाता है।
इस कारण ही आजकल तलाक के मामले बहुत बढ़ने लगे हैँ। लव मैरिजेस में तलाक काफी होने लगे हैं। जब इन लोगों की शादी एक-दूसरे को कई सालों तक डेट करने के बाद होती है। फिर ऐसा क्या होता है कि इनकी शादी एक साल भी टिक नहीं पाती है?
ऐसा फाइनेंशियल नजरिये के ना मिलने की वजह से होता है।
फाइनेंशियल नजरिये का मिलना –
कुंडली से ज्यादा जरूरी फाइनेंशियल नजरिया
दो लोगों के बीच पहले प्यार होता है फिर शादी। इससे अच्छी चीज क्या हो सकती है। लेकिन कुछ सालों बाद ही यह अच्छा रिश्ता टूट जाता है। रिश्ते के टूटने का अहम और सबसे सामान्य कारण होता है- फाइनेंशियल नजरिया।
फाइनेंशियल नजरिया नहीं मिलने के कारण शादीशुदा जोड़ों के बीच में ही नहीं बल्कि भाई-बहन और मां-बेटे व पिटा-बेटे के रिश्तों में भी दरार आ जाती है। अमेरिका की मशहूर पत्रकार और लेखक मिगनन मैकलॉफलिन ने कहा है कि एक कामयाब शादी के लिए जरूरी है कि आप बार-बार प्यार करें, लेकिन इससे बी ज्यादा जरूरी है कि आप दोनों का फाइनेंशियल नजरिया भी एक हो।
बैंक अकाउंट
शादी के बाद माना जाता है कि पति-पत्नी के बैक-अकाउंट एक ही होंगे। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि जो आप सोच रहे हैं वह आपका पार्टनर भी सोच रहा है। इसलिए इस बात को एक बार अपने पार्टनर से क्लियर कर लें कि वह आपके साथ ज्वायंट अकाउंट रखना चाहते हैं कि नहीं।
अगर नहीं तो उनके फैसले की इज्जत करें और इसे दिल पर लगाए नहीं। क्योंकि कई लोगों के लिए (खासकर लड़कियों के लिए) फाइनेंशियल इंडिपिंडेट होना जरूरी है। कुछ लोगों के लिए पर्सनल स्पेस भी मायने रखता है और पर्सनल फाइनेंस वाकई में ‘पर्सनल’ होता है और इसमें दखलंदाजी कई बार आपके पार्टनर को पसंद नहीं आती है।
पहले से लिए कर्ज
इस बारे में पहले से ही अपने पार्टनर से बात कर लें। इसके बारे में जानना आपके होने वाले पार्टनर के लिए काफी जरूरी है। होमलोन की गिनती कर्ज में नहीं होती है। यह एक तरह का इंवेस्टमेंट माना जाता है। लेकिन लोन, लोन होता है। इसलिए अगर आप होमलोन भी पे कर रहे हैं तो शादी से पहले ही अपने होने वाले पार्टनर को इस बारे में बता दें। इससे शादी के बाद वह ये नहीं कह सकेंगे कि आपने उन्हें बताया नहीं था।
खर्चों का बंटवारा
आजकल अधिकतर कपल्स में पति-पत्नी दोनों काम करते हैं। ऐसे में अगर आप दोनों घर का खर्च साथ में बांटकर खर्च करेंगे तो आपके रिश्ते के लिए ही अच्छा होगा। मसलन, एक पार्टनर घर का किराया या बिजली बिल वगैरह दे सकता है, तो दूसरा घर की रोजमर्रा की शॉपिंग का खर्च उठा सकता है। अगर एक पार्टनर की इनकम दूसरे के मुकाबले ज्यादा है, तो वो थोड़ा ज्यादा खर्च उठाने का फैसला ले सकता है।
फाइनेंशियल नजरिये का मिलना – याद रखिए आप इन छोटी-छोटी बातों का ख्याल रख अपने रिश्ते को इमोशन के साथ फाइनेंशियली भी स्ट्रॉन्ग बना सकेंगे। इसलिए इस बारे में एक-दूसरे से बात करने में हिचकिचाए नहीं।
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