जिस तरह से सिंदूर के बिना किसी सुहागन महिला का श्रृंगार अधूरा माना जाता है ठीक उसी तरह से हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के पूजन में सिंदूर की काफी अहमियत होती है.
अक्सर सुहागन महिलाएं सिंदूर से अपनी मांग को सजाती हैं लेकिन इसी सिंदूर और तेल से आप अपने जीवन में आनेवाली कई समस्याओं का समाधान भी पा सकते हैं. इतना ही नहीं सिंदूर और तेल के एक छोटे से उपाय से आप माता लक्ष्मी को भी प्रसन्न कर सकते हैं.
आइए हम आपको बताते हैं जीवन की कई परेशानियों से छुटकारा पाने और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तेल और सिंदूर से किए जानेवाले कुछ आसान उपाय.
1- सकारात्मक ऊर्जा के लिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार दरवाजे पर तेल मिश्रित सिंदूर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. तेल और सिंदूर का यह उपाय घर में मौजूद वास्तुदोष को दूर करने के लिए कारगर माना जाता है.
2- माता लक्ष्मी की कृपा के लिए
ऐसी मान्यता है कि घर के बाहर दरवाजे पर सिंदूर और तेल का तिलक लगाने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर चढ़ी हुई गणेश प्रतिमा लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है.
3- आर्थिक तंगी दूर करने के लिए
अगर आप आए दिन किसी न किसी तरह की आर्थिक तंगी से परेशान रहते हैं तो एकाक्षी नारियल पर सिंदूर लगाकर उसे लाल कपड़े में बांधकर उसकी पूजा करें और फिर उसे अपनी तिजोरी में रख दें. इस टोटके से आपकी आर्थिक परेशानी दूर होने लगेगी.
4- सुखी वैवाहिक जीवन के लिए
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सुहागन स्त्रियों को सुबह बाल धोने के बाद माता गौरी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए और उस सिंदूर में से कुछ सिंदूर अपनी मांग में लगाना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा रहता है.
5- सूर्य-मंगल ग्रह की शांति के लिए
अगर सूर्य और मंगल आपके लिए मारक ग्रह है और उनकी महादशा या अंतर्दशा चल रही है, तो सिंदूर को बहते जल में प्रवाहित करने से इन ग्रहों का प्रभाव कम होता है.
मंगल ग्रह की पीड़ा से निजात पाने के लिए सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी को चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आ रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
बहरहाल तेल और सिंदूर के ये टोटके ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बताए गए हैं. लेकिन ये आसान टोटके कितने चमत्कारिक सिद्ध होते हैं ये तो इसे आजमाने के बाद ही पता चलेगा.