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लालू के लाल तेजस्वी यादव के शपथ ग्रहण में मचा बवाल: वंशवाद का नया अध्याय

कल बिहार में नितीश कुमार ने तीसरी बार मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली.

इसमें कोई नयी बात भी नहीं थी. नितीश जीत कर आये और अपने पिछले दो कार्यकाल में उन्होंने काम भी बहुत अच्छा किया इसलिए मुख्यमंत्री तो उन्हें ही बनना था.

लेकिन सबसे कमाल की बात ये हुई जब उपमुख्यमंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव के सुपुत्र तेजस्वी यादव का नाम आया.

तेजस्वी यादव क्रिकेट के इतने उम्दा खिलाड़ी थे कि मात्र 12 साल की उम्र में ही उन्हें बिहार का सर्वोच्च खेल पुरूस्कार, बिहार खेल कीर्ति रत्न दे दिया गया था.

शपथ ग्रहण के दौरान तेजस्वी कागज़ पर लिखी हुई शपथ को भी ठीक से नहीं पढ़ सके. दो बार राज्यपाल को स्वयं उन्हें टोकना पड़ा.

बार बार तेजस्वी यादव  “अपेक्षा ” को “उपेक्षा” बोलकर अर्थ का अनर्थ किये जा रहे थे.

ये हमारे देश की बदनसीबी ही है कि धर्म,जाति आदि का सहारा लेकर लोग चुनाव जीत जाते है और फिर सत्ता थमा देते है अपने सुपुत्रों को चाहे वो इसके लायक हो या ना हो.

लालू ने इस चुनाव में नितीश से ज्यादा सीटें जीती, उसी समय अंदेशा हो गया था कि बिहार की सत्ता में लालू की बड़ी दखल रहने वाली है.

नितीश समर्थकों और मोदी के धुर विरोधियों ने उस समय इस बात को नकार दिया था लेकिन कल के शपथ ग्रहण समारोह के बाद अब वो लोग भी खिसियाकर अनर्गल कुतर्कों के जरिये तेजस्वी की ताजपोशी को सही साबित करने की कोशिश कर रहे है.

कल तक जो हाथ धोकर स्मृति ईरानी की डिग्री के पीछे पड़े थे आज वही सब लोग अलग अलग तरह से तेजस्वी यादव  की कम शिक्षा को डीफेंड कर रहे है.

स्मृति कम से कम बोलने में तो अच्छी है और एक गरिमा रखती है पर तेजस्वी यादव  को देखकर लग रहा था कि निहायत ही अपरिपक्व है. होंगे भी क्यों नहीं उन्हें पहले का ना कोई राजनैतिक अनुभव है क्योंकि पिछले 10 सालों से उनके पिता लालू की पार्टी राजद ना सिर्फ देश की राजनीति अपितु बिहार की रहनीति में भी हाशिये पर थी.

ऐसे में तेजस्वी यादव  को उपमुख्यमंत्री का पद सौंपना बिहार के विकास को बढ़ावा देगा या नहीं ये तो पता नहीं पर भारतीय राजनीति में वंशवाद को बढ़ावा ज़रूर देगा.

सिर्फ तेजस्वी यादव  ही नहीं लालू ने अपने बड़े बेटे को भी नितीश सरकार में मंत्री बनाया है. इस सरकार में लालू की ताकत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उपमुख्यमंत्री, PWD और वित्त जैसे शक्तिशाली और मलाईदार मंत्रालय राजद को मिले है.

अब ये देखना होगा कि क्या नितीश पहले की तरह बिहार को विकास के मार्ग पर रख सकते है या फिर उनका ये कार्यकाल लालू और उनके कुनबे को सँभालने और विवादों से बचाने में ही लग जायेगा.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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