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क्यों टीम इंडिया के कोच पद पर, बुरे वक़्त में ही याद आते हैं रवि शास्त्री ?

भारतीय टीम को अंतिम स्वदेशी कोच 2007 में रवि शास्त्री के रूप में मिला था.

ज्ञात हो कि जब 2005 से 2007 तक के लिए ग्रेग चैपल को चुना गया था तब अचानक से ग्रेग चैपल को लेकर टीम में स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी ऐसे में मात्र कुछ समय के लिए ही रवि शास्त्री को टीम की कमान दे दी गयी थी.

और कुछ वैसे ही हालात फिर से बने थे जब टीम इंडिया विदेशी दौरों पर खराब खेल रही थी तब डंकन फ्लेचर के साथ-साथ टीम के डायरेक्टर रवि शास्त्री को चुना गया.

अब सवाल यह है कि क्या भारतीय टीम के लिए एक भारतीय कोच बस किसी मज़बूरी में ही चुना जायेगा? यह तो वही बात हुई कि जब कोई नहीं तो चलो भारतीय ही सही? रवि शास्त्री के साथ हमेशा यह नाइंसाफी क्यों की जाती है? शास्त्री की क्या काम चलाऊ कोच हैं? या एक बेहतरीन खिलाड़ी को कामचलाऊ बना दिया गया है?

क्या किसी भारतीय में इतनी काबिलियत नहीं कि वह टीम इंडिया का कोच बन सके?

इस बार यह एक सही समय है जब हमारे पास कुछ बेहतरीन नाम हैं और कोच का पद भी खाली है तो ऐसे में कुछ नामों पर विचार किया जा सकता है-

  1. सचिन तेंदुलकर

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को अब कोच बनाया जा सकता है. पूरे विश्व में इनके जितनी काबिलियत का कोई खिलाड़ी नहीं मौजूद है और वैसे भी सचिन तेंदुलकर अगर किसी भी रूप में ड्रेसिंग रूम में रहते हैं तो इससे टीम का मनोबल ऊपर ही रहता है.

Sachin Tendulkar

 

  1. रवि शास्त्री

रवि शास्त्री क्रिकेट की दुनिया से कभी अलग नहीं हुए हैं. पहले वह खिलाड़ी थी बाद में कमेन्टर, क्रिकेट एक्सपर्ट, अंपायर आदि भूमिकाओं की वजह से खेल से जुड़े रहे. अभी टीम डायरेक्टर के रूप में इनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है.

Ravi Shastri

 

  1. संजय बांगर

संजय बांगर एक ऐसा नाम है जो अचानक से ही उभरते हुए, पटल पर अपना नाम दर्ज करा चुका है. बतौर खिलाड़ी तो नहीं लेकिन आईपीएल में पंजाब टीम की कमान सँभालते ही टीम का प्रदर्शन काबिले तारीफ़ दिख चुका है.

Sanjay Bangar

 

  1. सौरभ गांगुली

मोहम्मद अजरुद्दीन के बाद भारतीय टीम की कमान सौरभ गांगुली को दी गयी थी और गांगुली टीम के लिए सफल कप्तान बने थे. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी क्रिकेट एक्सपर्ट के रूप में अभी भी गांगुली खेल से जुड़े हैं.

Saurav Ganguly

 

  1. राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ तकनीक और सयंम में अब तक के सबसे बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं. आईपीएल में भी द्रविड़ राजस्थान से जुड़े हुए हैं. राहुल द्रविड़ भारतीय और विदेशी दोनों स्तरों पर बेहतरीन खेल दिखा चुके हैं.

Rahul Dravid

अब जब 31 मार्च को डंकन का कार्यकाल खत्म हो चुका है और टीम इंडिया को एक कोच की आवश्यकता है तो क्या एक भारतीय कोच टीम के लिए बेहतर साबित नहीं हो सकता है?

विदेशी कोच हमारी पिच और टीम की कमियों से अच्छे से वाकिफ हो जाते हैं जो बाद में वह अपनी स्वदेशी टीम के खिलाफ प्रयोग करते हैं. अगर हम भारतीय कोचों को प्राथमिकता देते हैं तो शायद आने वाले समय में दूसरी टीमें भी भारतीय खिलाडियों को कोच के रूप में अच्छा विकल्प मानना प्रारंभ कर सकती है.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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