हम और आप अपने बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं, ताकि उन्हें अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी शिक्षा मिल सके और इसकी सहायता से वो अपना जीवन बेहतर तरीके से जी सके.
स्कूल में मिलने वाली शिक्षा के साथ-साथ हमें स्कूल में उन बच्चो को पढ़ाने वाले टीचरों से भी यही उम्मीद रहती हैं कि वो बच्चों को अच्छी पढ़ाई के साथ सही आचरण दे ताकि, बच्चे ज़िन्दगी के कुछ ज़रूरी नैतिक मूल्य समझ पाए और अपना जीवन सही राह पर ले जा सके.
लेकिन यदि कोई आपसे ये कहे कि दुनिया में एक स्कूल ऐसा हैं जहाँ बच्चों को बिकनी पहनकर टीचर पढ़ाती हैं तो आप क्या कहेंगे?
अरे ये मज़ाक नहीं हैं, बिलकुल सच बात हैं.
चीन देश में ऐसा ही एक ऑनलाइन स्कूल हैं, जहाँ बच्चों को पढ़ाने वाली टीचर साड़ी या सलवार सूट या कोई फॉर्मल कोर्ट जैसे कपड़े नहीं पहनती बल्कि जब वो बच्चों को स्कूल में पढ़ाने आती हैं. तब सिर्फ बिकनी पहन कर आती हैं. चीन देश में चल रहा यह स्कूल एक ऑनलाइन स्कूल हैं जिसे 2011 के दिसम्बर में शुरू किया गया था.
इस ऑनलाइन स्कूल में बच्चो को चीन की एक भाषा “मंदारिन” में पढ़ाया जाता हैं और यह सारे सबक उस ऑनलाइन स्कूल की मॉडल कम टीचर द्वारा दिया जाते हैं. हर रोज़ इस स्कूल के लगभग दो टीचर कंप्यूटर के सामने बिकनी में ऑनलाइन बैठकर लोगों को पढ़ाई करवाती हैं. जब इस ऑनलाइन स्कूल की शुरुआत की गयी थी उस वक़्त इसे लोगों का खास रिस्पोंस नहीं मिला था. लेकिन जैसे ही इस स्कूल ने टीचरों द्वारा बच्चों को बिकनी में पढ़ाने का विचार अमल में लाया तो उनका यह स्कूल चलने लगा.
इसके पहले “पाठ व्हाट टाइम इज़ इट” नाम के इस स्कूल को मात्र 3 लाख लाइक्स मिले थे लेकिन जैसे बिकनी में मॉडल बच्चों को पढ़ाने लगी, इस ऑनलाइन स्कूल के व्यूज और लाइक्स में चमत्कारिक रूप से इज़ाफा हुआ.
इस ऑनलाइन क्लास में दो मॉडल बिकनी पहन कर आती हैं, और बिस्तर में लेटकर एक दुसरे से ‘पिल्लो टॉक’ करती नज़र आती हैं. उन टीचरों द्वारा की जा रही बात से ही इस ऑनलाइन स्कूल के बच्चों को शिक्षा दी जाती हैं.
अपने बिकनी वाले आईडिया के साथ जब इस स्कूल ने शुरुआत की तो चीन में काम करने वाले कई महिला संगंठनो का विरोध इसे झेलना पड़ा था, लेकिन फिर भी इस स्कूल ने अपना काम जारी रखा, जिसका नतीजा यह हुआ कि इस स्कूल को लोगो का जबरदस्त रिस्पोंस मिला और अब यह स्कूल काफी पॉपुलर हो चूका हैं.
लेकिन कभी कभी यही लगता हैं कि इस दुनिया के लोग भी कितने विचित्र हैं कि जिस पढ़ाई से किसी बच्चे के जीवन का आधार बनता हैं उसे अपने लाभ के लिए इसे तरह से बेच दिया जाता हैं.