कुंवारा रहने पर टैक्स – पूरी दुनिया में बहुत से अजीब कानून और बातें हैं जिसके बारे में आप नहीं जानते होंगे.
एक ऐसा ही कानून है कुंवारे लड़कों के बारे में. जी हां, क्या आपने कभी सुना है कि शादी न करने पर सजा मिलती है?
नहीं न, लेकिन सालों पहले कई यूरोपीय देशों में ये अजीब कानून था.
दरअसल, आज से 197 साल पहले एक अमेरिकी राज्य मिज़ॉरी ने एक अजीबोगरीब कानून बनाया. जिसके तहत कुंवारा रहने पर टैक्स लगाने का कानून था. कुंआरों पर एक डॉलर का टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया था. आपको सुनकर अजीब लग रहा होगा, मगर तब के ज़माने में ऐसा होता था. दरअसल, उस समय आए दिन लड़ाइयां हुआ करती थीं. सेना में लोगों की जरूरत हुआ करती थी और आबादी कम थी. ऐसे में लोगों पर शादी करके बच्चे पैदा करने का बड़ा दबाव हुआ करता था.
वैसे अमेरिका के मिजॉरी राज्य के अलावा और भी कई देशों में ये कानून था.
रोमन साम्राज्य में भी ऐसा ही कानून था.
ये ऑगस्टस सीजर के दौर की बात है. 9वीं सदी की. ऑगस्टस चाहता था सब शादी करें. बच्चे पैदा करें. क्योंकि तब राजाओं को लोगों की ज़रूरत थी. इसीलिए25 साल से 60 साल की उम्र के कुंआरों और बिना बाल-बच्चों वाले पुरुषों को जुर्माना देना पड़ता था. 20 साल से 50 साल की उम्र वाली महिलाओं पर भी ये ही बात लागू थी. खुद को बहुत विकसित और सभ्य बताने वाले ब्रिटेन में भी ऐसा कानून था. 1695 में ब्रिटिश संसद ने एक मैरेज ड्यूटी ऐक्ट पास किया. इसके तहत किसी के जन्म लेने पर, 25 से अधिक की उम्र में शादी करने पर, मृत व्यक्ति को दफनाने पर सरकार अलग से पैसे वसूलती थी.
अमेरिका में एक और स्टेट ने ये ‘बैचलर टैक्स’ लागू करने की कोशिश की. ये स्टेट था मिशिगन. बार-बार की ये कोशिशें कभी कामयाब नहीं हो पाईं. दक्षिण अफ्रीका में जब नस्लभेद जोरों पर था, तब वहां भी ऐसा ही कानून लागू हुआ. 1919 की बात है ये. सरकार चाहती थी कि गोरों की आबादी हर हाल में अश्वेतों से ज्यादा रहे. वो गोरों से कहते कि खूब बच्चे पैदा करो. इसीलिए श्वेत मूल के जो लोग कुंआरे रहते या बच्चे नहीं पैदा करते, उनके ऊपर सरकार टैक्स लगा देती थी.
विश्व युद्ध और उसके बाद शीत युद्ध के दौर में भी कई सरकारों ने इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से यह कानून आजमाया. इटली में 1927 के करीब जो ये शुरू हुआ, तो 1943 में जाकर खत्म हुआ. कहते हैं कि इटली के कुंआरे मर्दों को बाकियों के मुकाबले दोगुना इनकम टैक्स भरना पड़ता था. सोवियत संघ में तो बहुत लंबे समय तक रहा ये. शायद सबसे लंबे समय तक. तकरीबन 50 साल तक. बिना बाल-बच्चे वाले लोगों से एक खास ‘चाइल्डलेसनेस टैक्स’ वसूला जाता था. फिर 1991-92 में महिलाओं को इससे छूट दे दी गई. सोवियत संघ के पतन के बाद ये टैक्स खत्म हुआ. 2006 में रूस के एक बड़े अधिकारी ने फिर से ये टैक्स लागू करने की बात कही. उनका कहना था कि रूस में आबादी कम हो रही है. कई इलाकों में तो ये बहुत कम है. ऐसे में ये टैक्स बहुत काम आ सकता है.
भारत के सारे कुंवारों को शुक्र मनाना चाहिए कि वो किसी यूरोपीय देश में पैदा नहीं हुए, वरना उन्हें भी कुंवारा रहने पर टैक्स भरना पड़ता. वो खुशकिस्मत है कि वो लोग भारत में है जहां ऐसा कोई अजीब कानून नहीं है.
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