भारत में हम हर प्रकार के कर से जनता परेशान और दुखी है, वही कुछ ऐसे देश है जहाँ वेतन आयकर नहीं देना पड़ता.
ये देश न तो गरीब है और न ही किसी प्राकृतिक आपदा का शिकार है लेकिन यहाँ फिर भी आयकर का कोई प्रावधान नहीं है.
कतर
तेल के अथाह भंडार की वजह से इसे दुनिया का सबसे अमीर देश माना जाता है. इसलिए इस देश के लोग भी काफी अमीर है. यहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय 102,800 डॉलर है. किसी भी व्यक्ति या कर्मचारी पर आयकर, डिविडेंड, कैपिटल गेन्स व धन या सम्पत्ति के ट्रांसफर पर कोई कर नहीं है. परन्तु एम्प्लायर्स को 10 फीसदी सामाजिक सुरक्षा कर देना जरूरी होता है.
सउदी अरब
यहाँ वेतन पर कोई कर नहीं है. हालांकि, स्वयं का व्यवसाय करने वाले प्रवासियों पर 20 फीसदी कर लगता है. यहां किसी व्यक्ति पर किसी भी तरह का अन्य कोई कर लागू नहीं है.
कुवैत
दुनिया का 6वां सबसे बड़ा ऑयल रिजर्व वाला देश है. कुवैत के हर नागरिक को आयकर से मुक्ति मिली हुई है. लेकिन हर नागरिक को सामाजिक बीमा में योगदान देना जरूरी है. यहां की कंपनियो को 15 फीसदी तका का कॉरपोरेट टैक्स देना पड़ता है. जबकि विदेशी कामगारों को किसी तरह का आयकर नहीं देना होता है.
कैमैन आइलैंड
यह टैक्स हैवेन के तौर पर मशहूर द्वीपीय देश है. यहाँ किसी भी तरह का कर नहीं वसूला जाता. यहाँ पर्यटन और फाइनेंशियल सर्विसेज से यहां की सरकार को करीब 80 फीसदी आय होती है. और हर नियोक्ता (एम्प्लॉयर) को अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन स्कीम चलानी होती है. इसमें लगातार नौ माह से काम कर रहे बाहरी कर्मचारी भी शामिल होते है.
बहमास
यहाँ भी कोई आयकर नहीं है. यहां कैपिटल गेन, उत्तराधिकार या गिट कर भी नहीं देना होता. यहां रियल एस्टेट एक्जीविशन टैक्स (स्टाम्प ड्यूटी) और होल्डिंग टैक्स (रियल प्रॉपर्टी टैक्स) लागू है.
बरमूडा
एक छोटा सा देश है, परन्तु बरमुडा को दुनिया के समृद्ध देशों में से एक माना जाता है. यहाँ कोई भी व्यक्तिगत कर नहीं देना पड़ता. कर्मचारी को बस 14 फीसदी पे-रोल टैक्स देना होता है. परन्तु यहां 19 फीसदी तक का संपत्ति कर वसूला जाता है.
ब्रुनई दारुस्सलाम
यहाँ निजी आय पर किसी भी तरह का कर नहीं है. यहां पर बस एक एम्प्लाई ट्रस्ट फण्ड और सप्लीमेंटल कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम है.
संयुक्त अरब अमीरात
एक ऐसा देश है, जहां लोग काफी अमीर है. काम्दारों को किसी प्रकार का आयकर नहीं देना पड़ता. विदेशी बैंक और विदेशी तेल कम्पनियों की कैपिटल गेन इनकम पर नॉर्मल बिज़नेस टैक्स ही लगाया जाता है. यहाँ शराब पर 30 फीसदी कर लगता है. दुबई में शराब की बिक्री पर 50 फीसदी सेल्स टैक्स अतिरिक्त देना पड़ता है.
ओमान
एक प्राकृतिक गैस और तेल उत्पादक देश हैं. यहां भी किसी व्यक्ति की आय पर कोई कर नहीं लगता है. परन्तु सामजिक सुरक्षा कर के रूप में देना जरूरी है. कारोबार में लगी कंपनियों से 55 फीसदी कर वसूला जाता है और प्रॉपर्टी खरीदने पर यहां 3 फीसदी की स्टम्प ड्यूटी देनी होती है.
बहरीन
यहाँ वेतन पर कोई आयकर नहीं है, लेकिन सोशल इंश्योरेंस और इम्प्लायमेंट टैक्स जरूर लगता है. अबु सोफा आयल फील्ड से यहां की सरकार को अकेले 70 फीसदी आय होती है. यहां हर नियोक्ता (एम्प्लॉयर) को अपने कर्मचारियों के लिए 12 फीसदी सोशल इंश्योरेंस टैक्स चुकाना होता है. लेकिन प्रवासी कामगारों को 10 फीसदी म्युनिसिपल टैक्स भी देना होता है. यह टैक्स यहां किराए पर घर देने के लिए वसूला जाता है.
इन देशों में वह के नागरिकों को कर भरने का डर नहीं होता और अपना धन इधर उधर छुपना नहीं पड़ता और जनता से बिना कर वसूले यहाँ की स्थिति भी अच्छी है.
हम तो सिर्फ इतना ही कह सकते है – काश! हमारे देश में भी ऐसा होता!
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