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तवायफ कल्चर के लिए मशहूर एक राज्य ! धर्मनगरी और देश का प्रमुख रेड लाइट एरिया दोनों हैं साथ-साथ

तवायफ कल्चर

तवायफ कल्चर – इंसान के लिए जितना धर्म जरूरी होता है उतना ही जरुरी है इन्सान द्वारा अपनी कामवासना को शांत करना.

कई बार तो कुछ संत यह भी बोलते नजर आते हैं कि कामवासना पहले शांत करनी जरुरी है ताकि बाद में व्यक्ति का ध्यान पूरी तरह से ईश्वर में लग सके.

अब वैसे हर व्यक्ति इस गणित को समझ नहीं सकता है.

जो ऊपर लिखा गया है वह हो सकता है अधिकतर लोगों को बुरा लगे. लेकिन अब आप यह भी जान लीजिये कि वाराणसी जिसको आप और हम धर्म नगरी बोलते हैं वहां आज से सालों पहले एक तवायफ कल्चर भी चलता था.

यहाँ पर देश का एक बड़ा रेड लाइट एरिया भी था जहाँ देह व्यापार होता था.

जी हाँ हम बात कर रहे हैं वाराणसी के शिवदासपुर की जहाँ कभी तवायफ हुआ करती थीं और यहाँ पंडित से लेकर राजपूत तक सभी लोग अपने धर्म-जात को भूलकर आते थे.

शिवदासपुर वाराणसी रेलवे स्टेशन से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर स्थित इलाका यहां के रेडलाइट इलाके के रूप में फेमस है. यह एक तरह से उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रेडलाइट इलाका है.

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया

अंग्रेजों के समय वाराणसी में इस तवायफ कल्चर को काफी अधिक पसंद किया गया था. कहते हैं कि यहाँ पर औरतों से देह व्यापार का काम अंग्रेजों के समय में बहुत अधिक बढ़ गया था. इससे पहले भारतीय लोग इस काम को खुलेआम नहीं करते थे. अधिकतर लोग जो तवायफ का नृत्य देखने आते थे वह काफी ऊँचे लोग होते थे.

लेकिन बाद में औरतों की स्थिति खराब हो गयी और यह तवायफ कल्चर खत्म होने लगा तो यही औरतें बाद में देहव्यापार के काम को करने लगी. धीरे-धीरे यह रेड लाइट एरिया उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा देह का बाजार बन गया.

जब यहाँ सेक्स वर्कर की बच्चियां भी यही काम करती थी

अभी कुछ ही साल पहले तक की बात बताई जाती है कि यहाँ स्थिति इतनी खराब थी कि सेक्स वर्कर की नाबालिक बच्चियां भी इसी काम में लग जाती थी. लेकिन अभी हालात बदले हैं. कहते हैं कि अब यहाँ कुछ 400 सेक्स वर्कर ही बची हैं और वह भी सुधार की प्रक्रिया में हैं.

धर्म और कामवासना का मिलन

वाराणसी के बारे में एक कहावत आज भी बहुत अधिक फेमस है कि यहाँ धर्म और काम दोनों साथ-साथ हो रहे होते हैं. बाकि शहरों की तुलना में यह रेड लाइट एरिया थोड़ा बेहतर है. यहाँ काम कर रही संस्थायें ईमानदारी से कार्यकर रही हैं.  यहाँ सेक्स वर्कर के बच्चे अब लगातार स्कूल जा रहे हैं. बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान अब यहाँ रखा जा रहा है.

दलाल लगाते हैं लड़कियों को इंजेक्श

कई बार इस धर्म नगरी में अधर्म हो रहा होता है. इस तरह की कई ख़बरें हैं कि यहाँ कई बार लड़कियों को खरीदकर रखा जाता है और उन्हें इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि वह जल्दी ही उम्र से बड़ी लगने लगे. इसके बाद उस लड़की से सेक्स व्यापार कराया जाता है या बड़े लोगों की भूख शांत करने के लिए लड़की बेच दी जाती है.

तो वाराणसी जिसे कभी तवायफ कल्चर के लिए फेमस बोला जाता था, वही वाराणसी अब देह व्यापार में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा व्यापारी बन चुका है.

इस धर्म की नगरी में धर्म और काम वासना दोनों साथ-साथ चल रही हैं.

साथ ही साथ यह दोनों ही चीजें यहाँ के टूरिस्ट को बढ़ावा भी देने का काम कर रही है. अब जिसको ज्ञान की प्राप्ति करने आना है वह भी यहाँ आता है और जिसे जिस्म की भूख शांत करनी है वह भी यहाँ आ रहा है.