ज़िन्दगी का मतलब ही है फैसले लेना |
साँस लेने से लेकर जीवन में क्या बनना है तक, हर बात के लिए आपको फ़ैसले लेने पड़ते हैं|
कुछ आसान होते हैं और कुछ मुश्किल|
लेकिन दोस्तों, रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में ऐसे बहुत से छोटे-मोटे फ़ैसले होते हैं जो दिमाग़ घुमा के रख देते हैं! आप सोच रहे होते हैं कि बड़ा हो कर शाहरुख़ खान जैसा बनूँगा या मुकेश अम्बानी जैसा बड़ा बिज़नेसमैन या सचिन जैसा बड़ा बैट्समैन, लेकिन सच्चाई यह है कि यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि आज जुराब कौन से रंग की पहननी चाहिए!
आईये आपके साथ बाँटें ऐसे ही दस फ़ैसले जिन्हें लेने में सबको नानी याद आ जाती है!
1) डेट पर जाना है या ऑफिस की मीटिंग पर, कौन से कपड़े पहनने हैं इसका फ़ैसला तो आदम और ईव के ज़माने से नहीं हो पाया!
2) चलिए तैयार हो कर मॉल या किसी अम्यूज़मेंट पार्क पहुँच गए और फिर सोचना शुरू हो जाता है: पहले कौन सी दूकान में जाएँ, पहले कौन सी राइड पर चढ़ें! बस, फ़ैसला कुछ भी कीजिये, बाद में तो खुद को कोसना ही है कि यार यह क्यों किया, वो क्यों नहीं!
3) अपने बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड को मैसेज करना है लेकिन समझ नहीं आता कि लिखें क्या! हज़ार बार लिखते हैं, हज़ार बार मिटाते हैं! शुक्र है मोबाइल फ़ोन पर डिलीट का बटन है वरना कितना कागज़ बेकार जाता इस छोटे-से फ़ैसले को लेने के लिए! अच्छा यार बुरा मत मानो, मान लिया कि बड़ा फ़ैसला है, अब ख़ुश?
4) रेस्टोरेंट में चले जाइए और फिर सर के बाल नोंच लीजिये कि भैया इतने लम्बे-चौड़े मेनू में से खाएँ क्या? आख़िर में शायद दाल तड़का और पनीर की सब्ज़ी ही आती होगी, हैं जी?
5) चश्मे का नंबर बढ़ गया है या नए सनग्लासेस लेने हैं लेकिन इन शॉपिंग माल्स वालों ने तो आग लगा रखी है! अरे नहीं महंगाई को लेकर नहीं, कम्बख्तों ने इतने सारे तरह के चश्मे सामने रख दिए हैं कि कौन सा खरीदें? अब ले लो फ़ैसला!
6) सेल और डिस्काउंट्स के दिन वापस आ गए हैं पर कोई यह तो बताये कि कौन सी सेल अच्छी है, कौन सा डिस्काउंट सच में फायदेमंद है! हज़ारों तरह की सेल पूरे शहर में लगी है और आप खड़े हैं जेब में हाथ दाल के कि पैसा कहाँ लगाना है! अब बताईये, ज़िंदा रहना आसान है न बजाये ऐसा फ़ैसला लेने के?
7) परसों सलमान खान की फिल्म देखी, उसके बालों का स्टाइल पसंद आ गया| आज नयी के पास गए, उसने वरुण धवन वाला स्टाइल दिखा दिया! अब बताओ, बाल काटेंगे कि नहीं?
8) बड़ी मुश्किल से एक छुट्टी मिली है लेकिन करना क्या है? घूमने जाएँ या पिक्चर देखें या दोस्तों के साथ मस्ती करें? चलो सो ही जाते हैं, पर एक घंटा सोएँ या दो? चद्दर ओढ़ के या बिना चद्दर? टीवी देखते हुए या गाना सुनते हुए? हे भगवान!!!!!
9) अच्छा तो छुट्टियां मनाने जा रहे हैं? कपड़े कौन से लेने हैं? जूते कौन से वाले? एक जोड़ी के दो? या चप्पल की भी तीन जोड़ियाँ? ऐसे तैयारी हुई तो मना ली छुट्टियाँ!
10) जिस फ़ोन पर ये पढ़ रहे हैं, शायद पुराना हो गया होगा! तो नया कौन सा लें? कौन सी कंपनी का? रंग कौन सा? महंगा या सस्ता? कैमरा अच्छा हो या म्यूज़िक अच्छा बजता हो?
देख लिया आपने? यह फ़ैसले जीना दूभर कर देते हैं! बाकी दुनिया में कौन से देश लड़ रहे हैं, अर्थव्यवस्था कहाँ जा रही है, गरीबी-भुखमरी के
क्या हालात हैं, इसके बारे में सोचना पड़ गया तो बस समझ लीजिये टायें-टायें फिश!
अच्छा तो यह कहानी ख़त्म करें या थोड़ी और लिखें? एक लाइन और या दो? उफ्फ्फ्फ्फ़ खैर जाने दीजिये!!
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