जस्टिन फ़र्नांडिस – अगर भरना है खुद में जान तो ऐ इंसान तू सीख ज़रा उन चीटियों से जो एक-दूसरे को अपना मार्गदर्शक मानकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहती हैं.
बारिश शुरू होने से चाँद महीने पहले ही वो अपने घर के राशन की जुगाड़ में जुट जाती हैं. जब चीटियाँ इतनी छोटी होकर इतना सबकुछ कर सकती हैं, तो तू तो फिर भी इंसान है.
इस धरती का एक ऐसा सामाजिक जानवर जिसे भगवान् ने सबसे समझदार बनाया है.
तू ही इस धरती का एक तरह से मालिक है. ऐसे में तू क्यों सबके सामने गलियों में, सड़कों पर और रेड लाइट पर भीख माँगते फिरता है. तू कर सकता है. तू कर सकता है. अगर ये लाइन्स मन में हों, तो कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है.
आप वो सबकुछ कर सकते हैं, जिसके बारे में आपने कभी सोचा नहीं.
कुछ ऐसी ही सोच को साकार कर दिया एक दर्जी के बेटे ने.
जी हाँ, वही दर्जी जो आपके कपड़े कभी आल्टर करता है तो कभी नए सिलता है.
उसका बेटा कुछ ऐसा कर गया कि सालभर में लखपति बन गया. ये कहानी जुड़ी है नागपुर से. जस्टिन फ़र्नांडिस नाम के इस युवक ने आईआईएम-नागपुर के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया है. उसे हैदराबाद की एक कंपनी ने सालाना 19 लाख रुपये का पैकेज ऑफ़र किया है. जी हाँ, दर्जी के बेटे को ये सब हासिल हुआ है. आप सोच भी नहीं सकते.
उसकी मेहनत रंग लाई और वो बन गया हीरो.
जीवन का असली हीरो. आई आईएम-नागपुर से ग्रेजुएट जस्टिन फ़र्नांडिस को ये ऑफ़र Value Labs नाम की कंपनी में Associate Director की जॉब के लिए मिला है. आईआईएम के इतिहास अब तक इतना बड़ा सैलेरी पैकेज किसी को नहीं मिला था. ख़ास बात ये है कि जस्टिन फ़र्नांडिस एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनकी क्लास में बड़े-बड़े घरों के कई छात्र थे, लेकिन अपनी लगन से उन्होंने ज़िंदगी की इस जंग में उन्हें पछाड़ दिया. अब उसे देखकर बाकी लड़के आशा की किरण अपने मन में जगा लिए हैं.
आज इस होनहार ने ये साबित कर दिया कि केवल पैसे से सबकुछ नहीं होता.
पिता पेशे से दर्ज़ी हैं. इनका कहना है कि इनके दादा भी दर्ज़ी थे और बाद में उनके पिता ने भी यही पेशा अपना लिया. लेकिन रेडीमेड कपड़ों के मार्केट में आ जाने के बाद से ही इनके घर की माली हालत खस्ता हो गई. इनके परिवार को अपना पेट भरने के लिए सरकारी स्कीम्स और राशन का मोहताज होना पड़ा.
लेकिन जस्टिन फ़र्नांडिस की बुआ जानती थी कि जस्टिन फ़र्नांडिस के परिवार को इस गरीबी से कोई निजात दिला सकता है, तो वो है अच्छी शिक्षा. इसलिए उन्होंने जस्टिन और उसकी बहन की पढ़ाई जारी रखी.
जस्टिन ने सरकारी कॉलेज से स्कॉलरशिप के ज़रिये बी-टेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उसने आईआईएम -एन से एमबीए किया. यहां से पास होने के बाद जस्टिन ने 2 साल तक एक प्राइवेट सॉफ़्टवेयर कपंनी में काम किया और अब उसका सिलेक्शन Associate Director की जॉब के लिए हो गया है. जस्टिन का सपना है कि वो एक दिन Sports Manager बनें. उनकी मेहनत और ज़ज्बे के देखते हुए लगता है कि जस्टिन अपना ये लक्ष्य भी हासिल कर ही लेंगे.
बुआ के साथ देने से जस्टिन फ़र्नांडिस आज यहाँ तक पहुँच गया. आपके जिंदगी में भी तिनका बनकर कोई आ सकता है. बस ज़रुरत है तो उसके उपयोग करने की.