ट्रेकिंग का अपना एक अलग ही मजा होता है. आप गर पहाड़ों पर घूमने के दिवाने हैं तब तो आप जरूर ट्रेकिंग के खतरनाक रास्तों को खोजते रहते होंगे.ट्रेकिंग के लिए भारत में हिमाचल प्रदेश एक उत्तम जगह बताई जाती है. आज हमको बताने वाले हिमाचल प्रदेश के 5 रास्ते जो हैं ट्रेकिंग के लिए मशहूर. तो कीजिये अपना बैग पैक और तैयार हो जाइये छुट्टियों के साथ ट्रेकिंग केमजे लेने कि लिए- त्रिउंड ग्लेशियर हिमाचल प्रदेश के त्रिउंड ग्लेशियर की समुद्र तल ऊंचाई 97,650 है. यहाँ की खूबसूरत वादियों में ट्रैकिंग करने का अपना एक अलग ही अनुभव है. वैसे यहाँट्रेकिंग का मजा लेने विदेशी लोग ज्यादा आते हैं. कांगड़ा और चंबा को ट्रेकिंग के दौरान साफ़ देखा जा सकता है. यहां ट्रैकिंग करते समय आप हिरण, पहाड़ीबकरी और बर्फीली पक्षियों को आसानी से देख सकते हैं. इस रूट की कुल दूरी 6.6 किलोमीटर बताई जाती है. रिओ पुरगयिल पर्वत हिमाचल प्रदेश का सबसे ऊंचा ट्रेकिंग रूट यही है. समुद्र ताल से इसकी ऊंचाई 6816 मीटर है. यह पर्वत हिमाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा पर स्थित है.आप अगर यहाँ ट्रेकिंग के लिए जाना चाहते है ध्यान रखिये आपको पहले इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होगी. इस ट्रैक की शुरुआत किन्नौर जिले केनाको गांव से होती है. पिन पार्वती पिन पार्वती ट्रैक को हिमाचल की वादियों का सबसे खुबसूरत रास्ता माना जाता है. यह रास्ता पार्वती वैली से शुरू होता है और स्पिति के पिन वैली कीख़ूबसूरत वादियों पर पहुंचकर खत्म होता है. इस ट्रेक की पूरी लम्बाई 110 किलोमीटर है. समुद्र तल से ऊचाई की बात करें तो 17,500 फीट है. पिन पार्वतीको हिमाचल का एक खतरनाक ट्रेक है. किन्नौर कैलाश पर्वत पांच हजार से आठ हजार मीटर ऊंची पर्वत श्रंखलाओं से घिरी किन्नौर घाटी धरती पर स्वर्ग से कम नहीं माना जाता है. यह स्थान हिन्दुओं के लिए एकधार्मिक स्थान भी है. लेकिन अगर आप खतरों के खिलाड़ी हैं तो यह एक अच्छा ट्रेकिंग स्थान है. इस पर्वत की ऊंचाई 6349 मीटर है. इस पर ट्रैकिंग करने कीशुरुआत सांगला से थांगी जाकर होती है. चन्द्रतल ट्रैक क्या आप चाँद पर ट्रेकिंग के मजे लेना चाहते हैं तो सोचिये मत चंद्रतल ट्रैक एक ऐसा ही रास्ता है. इस ट्रैक पर सबसे सुन्दर यहाँ पड़ने वाली एक झील है.यह ख़ूबसूरत झील अर्धचंद्र की तरह दिखती है. यहां का पानी इतना साफ और स्वच्छ है कि आप इसमें अपना चेहरा साफ़ देख सकते हैं. यहाँ जाने का अच्छा समय जुलाई से सितम्बर तक माना जाता है. तो अब आप इंतज़ार किस बात का कर रहे हैं.…