औरतें, आदमियों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं होतीं. फिर चाहे वह खेल हो, राजनीति, सिनेमा या ‘जुर्म’. जी…
मैं एक आदमी हूँ! मुझे लड़कियों को देखना पसंद है. मुझे लड़कियों के उभारों को देखना और घूरना भी पसंद…