आंखों

इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों है

“तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है ये उठे सुबह चले, ये झूके शाम ढलें. मेरा जीना मेरा…

8 years ago