क्या आपके घर में काम वाली बाई आती है? क्या आपके बच्चों को भी वही संभालती है? तो पुरानी दिल्ली…
एक महान कवि ने कहा है: आदमी बन्दर जैसा, छलाँगें मारे जाए चाहे तलवों की ही, बस नारी-चमड़ी दिख जाए!…