स्वस्तिक का मतलब – हिन्दू धर्म में स्वास्तिक के चिन्ह का बड़ा ही महत्व बताया गया है.
अक्सर हमने देखा ही है लोग अपने घर में, मंदिरों में, संस्थानों आदि में स्वास्तिक बनाते है. कुछ इसे अपने घर के दरवाजे पर बनाते है. तो कहने का मतलब यही है कि हमने स्वास्तिक को हमेशा से ही देखा है, लेकिन क्या कभी इसके बारे में जानने की कोशिश की है? शायद नहीं…!
लेकिन आज हम आपको स्वस्तिक का मतलब के बारे में वो सभी बातें बताने जा रहे है जो आपको जानना जरुरी है.
दरअसल हमारे वेद और पुराणों में स्वास्तिक को धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता भगवान गणेश का प्रतिक माना गया है. वहीं सनातन धर्म में स्वास्तिक को परब्रह्म के समान माना गया है. स्वास्तिक संस्कृत के दो शब्द ‘सु’ और ‘अस्ति’ से मिलकर बना है जिसका मतलब होता है शुभ हो और कल्याण हो.
वहीं विज्ञान की भाषा में कहा जाता है कि स्वस्तिक चार पदार्थों हवा, वायु, जल और आग से मिलकर बना होता है जिसे ‘गतिशील सौर’ भी कहा जाता है. यह चिन्ह शांति और समृद्धि का प्रतिक होता है जिसे जर्मनी की ‘नाज़ी पार्टी’ ने तीन हजार सालों के लिए चुना है उनके झंडे पर आज भी स्वास्तिक देखा जा सकता है. स्वस्तिक पॉजिटिव एनर्जी और गुड लक का प्रतिक भी है. वहीं बौद्ध धर्म में स्वास्तिक को बुद्ध के पैरों के निशान के रूप में बताया गया है. स्वस्तिक के बारे में जरुरी बातें आप जान ही गए होंगे.
लेकिन ज्योतिष विज्ञान में स्वास्तिक के कई प्रयोग भी बताये गए है जिन्हें करने से कई समस्याएं दूर होती है, दुःख तकलीफ कम होते है और धन, धान्य, सौभाग्य और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है.
तो आइये जानते है स्वस्तिक का मतलब और ज्योतिष प्रयोग-
१ – पूजा करने में लिए-
जब आप अपने घर के मंदिर में इष्ट देवता की स्थापना करें तो उससे पहले उस जगह पर स्वास्तिक बनाये, इससे देवता तुरंत प्रसन्न होते है और मन चाहा आशीर्वाद देते है.
२ – मनोकामना पूर्ण करने के लिए-
अगर आपकी इच्छा काफी समय से पूर्ण नहीं हो रही है तो किसी मंदिर में जाकर कुमकुम से उल्टा स्वास्तिक बना दे, इससे जल्द ही आपकी मनोकामना पूर्ण हो जायेगी. मनोकामना पूर्ण होने पर उसी जगह पर सीधा स्वास्तिक बना दे.
३ – समृद्धि के लिए-
घर की सुख और समृद्धि के लिए घर के बाहर कुमकुम, रंगोली और सिंदूर से स्वास्तिक बनाये. इससे देवी-देवता घर में प्रवेश होकर सुख, समृद्धि और शांति लाते है.
४ – नींद के लिए-
अगर आप भी उन लोगों में से है जिनको नींद नहीं आती है या बुरे सपने आते है तो घर के मंदिर में अपनी तर्जनी ऊँगली से स्वास्तिक बनायें, इससे आपको तुरंत ही आराम मिलेगा और अच्छी नींद आएगी.
५ – व्यापार में लाभ के लिए-
व्यापार में लाभ के लिए घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में गुरुवार के दिन गंगाजल से धोकर वहां हल्दी से स्वास्तिक बनाये और पूजा करें, इससे जल्द ही आपको व्यापार में लाभ मिलेगा.
ये है स्वस्तिक का मतलब और स्वास्तिक से जुड़ी बातें जो शायद आपको पहले से नहीं पता होंगी. यहाँ पर हमने स्वास्तिक के कुछ ज्योतिष उपाय भी बताये है जिन्हें अपनाकर आप सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त कर सकते है.
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