तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते। 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 Facebook Twitter Google+ Linkedin Pinterest Article Tags: Featured · swami vivekanand aniversary · स्वामी विवेकानंद Article Categories: विशेष