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विवेकानंद के ऐसे विचार जो धर्म के झूठे ठेकेदारों से लेकर स्वार्थी राजनीतिज्ञों को सच का आईना दिखा देंगे

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तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव होतब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।

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