गत चार बरस स्वच्छ भारत के नाम पर चल रहे अभियान में कई बातें कही सुनी गई, लिखी गई ।
अब अग्रगामी प्रयोग को जानने समझने का मौक़ा है। हर बरस दिवाली पर चमकने वाले घर द्वार साल भर साफ कैसे रहें? सार्वजनिक स्थल स्वच्छ कैसे रहे ?
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी प्रशासक अमिताभ कान्त ने अपने ट्वीट से इन्दौर को स्वच्छत्तम शहर कहा तो उनकी अच्छी बात यह लगती है कि उन्होंने कहा कि अन्य शहरों को इन्दौर से सीखना चाहिए ।
जी हाँ ! सौ पैसे सच कि सीखना चाहिए । लेकिन जनाब! सवा लाख का सवाल हैः कैसे सीखें ?
लिखने य़ा पढ़ने मात्र से बात बनती नहीं । सरकारी फरमान भी काफ़ी नहीं ।
तो यंगिस्थान ने नयी सोच को जमीन की सच्चाई बनाने का बीड़ा उठाने का संकल्प लिया है ।
चुनाव की तारीख घोषणा होते ही हवा में उत्सव जैसा माहौल तैर जाता है । सब लोग क्या करें या आओ कुछ करें जैसे विचार से घिर जाते हैं ।यही सुहावना समय हैः लोगों तक पहुँच कर अपनी बात कहने का । यही सुनहरा मौक़ा हैः जवाँ दिलों में जोश भरकर अच्छा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने का ।
यंगिस्थान आगामी वर्ष के लिए नये उत्साह से अभिप्रेरित हैः
हमारी सोच लिखने पढ़ने या केवल प्रचार से आगे कर्मठ होकर आदर्श को जमीन पर सच करने की है । शुभारम्भ करने के लिए हम आदर्श स्वच्छ शहर इन्दौर को चुन रहे हैंः प्रथम टाउन हॉल बैठक के लिए़़़़
आओ दोहराएँ सफल कहानी
प्रथम विचार हैः स्वच्छत्तम शहर की कहानी को जानने समझने और सीखने का और सीखकर अपने नये उदाहरण प्रस्तुतीकरण का।
उपरोक्त के लिए इन्दौर में टाउन हॉल बैठक में गणमान्य के साथ साथ साधारण जन आमंत्रित रहेगें । न्यौता होगा समस्त मध्यप्रदेश युवा जन को कि आओ राजनीति से परे राष्ट्र निर्माण की बात करें ।
स्वच्छ भारत के नाम पर चल रहे अभियान – यह आदर्श नागरिक निर्माण का अभियान गतिमान रहेगा आगे भी जब तक हम अपने लक्ष्य को हासिल करने का प्रण सच करें तब तक आप भी हमारे साथ रहेगें अॉनलाइन ओपन हाउस में । यह हमारा विश्वास है !