कोई व्यक्ति अपने घर के भीतर क्या देखता है इस पर रोक लगाना न सिर्फ अतार्किक है बल्कि कानूनन भी गलत है .
जज ने अपने फैसले में कहा कि बैन लगाने के बाद कोई व्यक्ति आकर सवाल करे कि चारदीवारी के भीतर मैं क्या देखता हूँ क्या नहीं इस पर कोई रोक कैसे लगा सकता है, और अगर कोई रोक लगता है तो वो सही कैसे है.