8) नटरंग-
इस फ़िल्म में मराठी के साथ साथ हिन्दी फ़िल्मों में पहचान बना चुके अतुल कुलकर्णी ने मुख्य भुमिका निभाई थी. ये फ़िल्म नृत्य कला और उसके लिए कलाकारों के किए परित्याग पर आधारित थी. इस फ़िल्म ने पूरे 12 करोड़ रुपए कमा कर दिए थे. इस फ़िल्म की सफलता में इसके संगीत का महत्वपूर्ण योगदान था.
ये थी वो फ़िल्में जो की कहानी, संगीत और अभिनय के मामले में बॉलीवुड की किसी फ़िल्म से कम नहीं थी, हालांकी स्माल बजट में बेहतरीन फ़िल्म कैसे बनाई जाए इसकी एक बेहतरीन मिसाल थी. धीरे धीरे ही सही मराठी फ़िल्में भी दक्षिण भारतीय फ़िल्मों की तरह मुनाफ़े का सौदा साबित होंगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है.