इन दिनों दिल्ली की सत्ता पर राज कर रही आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं. ऐसे में उन पर लगातार त्यागपत्र देने का दवाब बनाया जा रहा है.
ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि दिल्ली को जल्द एक महिला मुख्यमंत्री मिल सकती है. राजनीति के गलियारों से ऐसी खबर आ रही है कि केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन सकती हैं.
क्योंकि उनकी सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर 2 करोड़ रूपए लेने का आरोप लगाते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है. यही नहीं उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरों और सीबीआई को भी इसकी जानकारी दी है.
ऐसा माना जा रहा है कि कपिल मिश्रा के आरोपों के कारण केजरीवाल को अगर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी भी पड़ती है तो केजरीवाल की जगह उनकी कुर्सी पर पत्नी सुनीता केजरीवाल को बैठाया जा सकता है.
ठीक कुछ वैसे ही जैसे बिहार में लालू प्रसाद यादव ने किया था.
लालू को जब चारा घोटाले के विवादों ने घेर लिया था तो उन्होंने बिहार की सत्ता अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी थी.
अनुमान है कि कुछ वैसी ही रणनीति सुनीता केजरीवाल को सामने लाने के लिए बनाई जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी में अंदरखाने वर्तमान संकट से बाहर निकलने के लिए जिस रणनीति पर काम हो रहा है उसमें ये सबसे उपर है.
गौरतलब है कि सुनीता केजरीवाल ने जब से अपनी नौकरी से वीआरएस लिया है तब से वे लगातार सोशल मीडिया के जरिए राजनीति में सक्रिय हैं.
ज्ञात हो कि हाल में सुनीता ने अपने बहनोई के बचाव में लिखा कि मेरे बहनोई अब इस दुनिया में नहीं रहे फिर भी ये बेवकूफ आदमी बिना दिमाग लगाए लिखी हुई स्क्रिप्ट बोल रहा है.
बताया जता है कि सुनीता केजरीवाल सोशल मीडिया के जरिए आम आदमी पार्टी की राजनीतिक कमान जिस सुनियोजित तरीके से थाम रही है उसको उनकी पार्टी में सक्रियता के तौर पर देखा जा रहा है.
अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्तमान हालातों में पार्टी में किसी भी क्षण उनका आगमन भी हो सकता है. यदि ऐसा हो जाए तो इसके कोई हैरानी की बात नहीं होगी.
वहीं, मीडिया में भी जिस प्रकार राजनीति जानकारों और सू़त्रों के जरिए ये खबरें प्लांट करवाई जा रही हैं कि इस वक्त सुनीता केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसके जरिए मौजूदा संकट को टाला जा सके.
वह एक पढ़ी-लिखी और अरविंद केजरीवाल की तरह अंतरमुखी स्वभाव मगर ठोस निर्णय लेने के लिए जानी जाती रही हैं.
यही नहीं वे अन्ना आंदोलन के समय से ही अपने पति के हर कदम पर शुरू से साथ देती रही हैं. इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दौर से जब अरविंद केजरीवाल के घर पर कोई बैठक होती थी तो वो हमेशा शांत रहकर रह निर्णय पर नजर रखती थी.
वहीं मौजूदा हालात में सुनीता केजरीवाल के ट्वीट करके राजनीतिक हलकों में ये कयास लगाने का मौका दे दिया है कि सुनीता केजरीवाल ही अरविंद केजरीवाल का एकमात्र विकल्प हो सकती हैं.
बहराल, अब सकती नजरे इस बात पर टिकी हैं कि क्या केजरीवाल इस संकट से निकलने के लिए लालू की भूमिका में आ सकते हैं.
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